प्रयागराज (ब्यूरो)पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर 19 नवंबर को होने वाली 38 वीं इंदिरा मैराथन के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चूकी है। स्टेडियम मे टै्रक की समस्या से जूझ रहे खिलाडिय़ों को अब राहत मिल गई। क्योंकि टै्रक का निर्माण पूरी तरह कराया जा चुका है। गुरूवार को मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में इंदिरा मैराथन की तैयारियों को लेकर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया की इस वर्ष इंदिरा मैराथन में समय सीमा के अंदर दौड़ खत्म करने वाले प्रत्येक धावको को खेल कूद मंत्रालय कि ओर से सहभागिता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

वॉलेंटियर करेंगे निगरानी

इस वर्ष मैराथन मे दौडऩे वाले धावकों की निगरानी लगभग एक हजार वॉलेंटियर्स से कराई जाएगी। इसमें एनसीसी के केडैट्स, पीआरडी, सेना के जवान शामिल होंगे। यह स्टेडियम में मौजूद अफसरों से कनेक्टेड रहेंगे और हर एक किलोमीटर पर अपडेट देते रहेंगे। जिलाधिकारी ने आधिकारिक रूप से रूट डायवर्जन कि घोषणा की। मैराथन रूट पर दो दर्जन से अधिक गढ्ढे है। मीडियाकर्मियों ने इस पर सवाल पूछा तो डीएम ने कहा कि समय से पहले ही सब कुछ दुरुस्त कर लिया जायेगा।

फ्री है पंजीकरण

मैराथन मे पंजीकरण के लिए धावको से किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। जिसके चलते खिलाड़ी तेजी से पंजीकरण करा रहे है। डीएसओ देवी प्रसाद के अनुसार गुरूवार तक कुल 188 धावक पंजीकरण करा चुके हैं। जिसमें से 138 पुरूष हैं। 25 महिलाएं और 25 धावकों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। शुक्रवार से पंजीकरण की रफ्तार मे तेजी आएगी और तेजी रेस शुरू होने के एक दिन पहले तक रहेगी। अभी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आफलाइन पंजीकरण हो रहा है। 18 नवंबर को पंजीकरण सुबह 6 बजे से लेकर देर तक मदन मोहन मालवीय स्टेडियम मे किया जाएगा।