प्रयागराज ब्यूरो । प्रति दिन सैकड़ों यात्री यहां ट्रेन पकडऩे के लिए आते हैं। लेकिन यहां पानी की विकट समस्या है। पानी के लिए नल तो लगाए हैं। मगर कई ऐसी टोटियां हैं जिससे पानी नहीं आता। ऐसे में यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। मजबूरन, लोगों को बोतल का पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। बात सिर्फ इतनी ही होती तब पर भी ठीक था। दरअसल लगाए गए नल के बेसिन में काफी गंदगी है। इससे जिन टोटियों में पानी आता भी है गंदगी देखकर लोगों का मन खिन्न हो जा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति है प्रयाग रेलवे स्टेशन प्लेट फार्म नंबर दो पर पेयजल व्यवस्था की। यह हालात दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा किए गए रियलिटी चेक में सामने आए हैं। इस समस्या को लेकर जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

स्टेशन पर टोटियों से नहीं आ रहा पानी
प्रयाग रेलवे स्टेशन से हर रोज हजारों यात्री सफर करते हैं। इन यात्रियों में कुछ जिले के तो तमाम बाहरी भी होते हैं। स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही लोग पानी आदि के लिए उतरते हैं। मगर यहां प्लेट फार्म नंबर दो साइड पानी की विकट समस्या है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई जगह जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है। मगर यहां टोटियों में पानी नहीं आता है। ऐसे में बोतल लेकर पानी के लिए इन नलों के पास आने वाले यात्रियों को मायूस होना पड़ता है। नलों में पानी नहीं आने से उन यात्रियों को मजबूरन दुकानों से बोतल का पानी खरीदना पड़ रहा है। ट्रेन पकडऩे के लिए अपनों को छोडऩे के लिए इस स्टेशन पर जाने वालों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों की इस समस्या की ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जा रहा। स्थानीय लोगों द्वारा बताई गई स्टेशन पर पेयजल समस्या का दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्ट के द्वारा रियलिटी चेक किया गया। रिपोर्ट जब रेलवे स्टेशन पर पहुंचा तो प्लेट फार्म पर एक जगह दुकानों के पास पेयजल के लिए नल लगाए गए हैं। मगर उसमें से दो टोटियों में पानी नहीं आ रहा था। एक में आनी आ रहा था। मगर यहां पर गंदगी काफी थी। यहां से यरफ्लाईओर ब्रिज होते हुए रिपोर्टर प्लेट फार्म नंबर दो पर पहुंचा। यहां सीढिय़ों से उतरते ही कुछ दूर पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। चेक करने पर मालूम चला कि एक भी टोटी में पानी नहीं आ रहा। जिस बेसिन में नल का पानी गिरता है। उसमें गंदगी का अम्बार नजर आया। हालात देखकर यह कहा जा सकता है कि यदि टोटियों में पानी आ भी रहा होता तो गंदगी देखकर लोग यहां से पीने के लिए पानी भरना उचित नहीं समझते। हैरान करने वाली बात यह है कि रेलवे स्टेशन के जिम्मेदार इस समस्या पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

हमें कहीं नहीं जाना, रिलेटिव हैं उन्हीं को स्टेशन छोडऩे आए हैं। जल्दी-जल्दी में घर से पानी लेना भूल गए। उनके लिए प्लेटफार्म नंबर दो पर पानी भरने गए तो पता चला टोटी में पानी ही नहीं है। आप खुद ही देख जीजिए। व्याप्त गंदगी बता रही कि काफी दिन से पानी नहीं आ रहा है। बोतल का पानी खरीद कर उन्हें देना पड़ा।
अंशुमान राज चौरसिया, कालिंदीपुरम

हमें वाराणसी जाना है। यहां पानी की समस्या तो है, देख लीजिए एक टोटी में पानी आ रहा तो जिस बेसिन में पानी गिरता है उसमें ही गंदगी है। लग रहा कि सफाई ही नहीं की जाती। समस्या तो है ही पर कहने से यहां सुनेगा कौन। हम ट्रेन पकड़ें की शिकायत करने जाय।
देवेंद्र कुमार, मछली शहर जौनपुर

इतना बड़ा स्टेशन है यहां पानी की व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए थी। कई रेलवे स्टेशनों पर वाटर एटीएम की व्यवस्था है। यहां तो हमें ऐसी सुविधा दिखाई नहीं दे रही। लिखा जरूर है कि शुद्ध पेयजल पर गंदगी को देखकर नहीं लगता कि शुद्ध पेयजल यहां मिलता होगा। फिलहाल तो पानी आ ही नहीं रहा।
करन कुमार, वाराणसी

पंद्रह दिन में दो बार इस रेलवे स्टेशन पर आए। आज तो हमें खुद वाराणसी दर्शन के लिए जाना है इसलिए आए हैं। इसके पूर्व भाई को ट्रेन पर बैठाने के लिए आते थे। तब भी यहां नल की टोटी में पानी नहीं आ रहा था और आज भी वही हाल है। गंदगी तो आप खुद ही देख रहे हैं। ऐसे में पानी आ भी रहा होता तो यहां पीने के लिए भला पानी कौन भरेगा?
उमाकांत सरोज, एडवोकेट सलोरी