इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पूरी तरह से हॉस्टल खाली कराने का मुद्दा फिर गरमाया

सुबह से ही यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर जमे छात्र-छात्राएं, सिक्योरिटी ने नहीं जाने दिया अंदर

बवाल की आशंका को देखते हुए कैंपस में आएएफ, पीएसी के साथ डटी पुलिस फोर्स

<इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पूरी तरह से हॉस्टल खाली कराने का मुद्दा फिर गरमाया

सुबह से ही यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर जमे छात्र-छात्राएं, सिक्योरिटी ने नहीं जाने दिया अंदर

बवाल की आशंका को देखते हुए कैंपस में आएएफ, पीएसी के साथ डटी पुलिस फोर्स

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: ऐसे समय में जब प्रदेश में एक योगी की सरकार है इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हठयोग ने प्रशासन की परेड करा दी है। वीसी हठ पर हैं कि छात्रों के सामने नहीं आएंगे और छात्रों का हठ है कि जब तक वीसी नहीं आते वे यूनिवर्सिटी गेट से नहीं हटेंगे। दोनों के हठ को देखते हुए प्रशासन ने यूनिवर्सिटी कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया है। मौके पर आरएएफ के साथ पीएसी और पुलिस के जवान डटे हुए हैं। खबर ये भी है कि छात्र देर रात कैंपस में घुसने का प्रयास कर सकते हैं। उधर, प्रशासन इस तैयारी में है कि छात्रों के बीच से छात्राएं हटें तो बाकियों को लाठी भांजकर भगा दिया जाए। मामला यूनिवर्सिटी हॉस्टल के वॉश आउट से जुड़ा है।

सुबह दस बजे शुरू हुआ विरोध

हॉस्टल्स को पूरी तरह से खाली कराने के विरोध में छात्र सुबह दस बजे से ही केपीयूसी हॉस्टल के सामने स्थित मेन गेट पर जुटने लगे थे। पूर्वान्ह क्क्.फ्0 बजे तक सैकड़ों की संख्या में छात्र पहुंच चुके थे। लाइब्रेरी गेट से दर्जनों की संख्या में छात्राओं का जत्था पहुंचा तो महिला पुलिस ने छात्राओं को रोक दिया। यह देखकर आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। चीफ प्रॉक्टर प्रो। राम सेवक दुबे और डीएसडब्लू डॉ। आरकेपी सिंह ने छात्रों को समझाने की कोशिश की कि हॉस्टल से सिर्फ अवैध को ही बाहर निकाला जाएगा। लेकिन छात्र कुलपति को बुलाने की जिद पर अड़े रहे। छात्रों का कहना था कि कुलपति प्रो। आरएल हांगलू यह लिखित आश्वासन दें कि पूरी तरह से हॉस्टलों को नहीं खाला कराया जाएगा तभी यहां से हटेंगे। प्रदर्शन में छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह भी पहुंची। शाम को रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला छात्रों को मनाने पहुंचे लेकिन उनका प्रयास विफल रहा। समाचार लिखे जाने तक छात्रों का विरोध चलता रहा।

छावनी में तब्दील रहा परिसर

विश्वविद्यालय में सैकड़ों की संख्या में छात्र जुटे तो मामला बिगड़ने की आशंका प्रबल हो गई थी। यही वजह रही कि विवि प्रशासन ने पुलिस के आला अधिकारियों सहित रैपिड एक्शन फोर्स और कई थानों की फोर्स को बुला लिया।

हम लोग हॉस्टलों को पूरी तरह से नहीं खाली कराने का लिखित आश्वासन देने को तैयार हैं। लेकिन छात्रों की जिद थी कि इस मुद्दे पर कुलपति लिखित आश्वासन दें। वे इस समय विश्वविद्यालय में नहीं हैं। विवि प्रशासन पहले ही हास्टल वॉशआउट की बात से इंकार कर चुका है और जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद यह साफ कर दिया गया कि ख्0 मई तक हास्टल में रेड नहीं पड़ेगी। ऐसे में छात्रों का विरोध समझ से परे है।

प्रो। राम सेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर