बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों में अनट्रेंड टीचर्स देते हैं बच्चों को एजूकेशन

मान्यता लेने में भी अनट्रेंड टीचर्स बनते हैं रोड़ा

ALLAHABAD: बच्चों का भविष्य संवारने और उनको बेहतर शिक्षा देने के लिए पैरेंट्स स्कूलों में दाखिला कराते हैं। गली मोहल्लों में चल रहे बगैर मान्यता के स्कूल पैरेंट्स की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ बच्चों के करियर से खिलवाड़ करते हैं। ये अच्छी एजूकेशन देने के नाम पर पैरेंट्स को ठगते हैं। हकीकत ये है कि इनमें किसी भी स्कूल के पास ट्रेंड शिक्षक नहीं होते। यही कारण है कि ये मान्यता लेने से भी बचते हैं। मान्यता के लिए जरूरी है कि स्कूल में ट्रेंड टीचर्स हों।

कम सैलरी पर रखते हैं टीचर्स

मान्यता लिए बिना स्कूल संचालित करने वाले ओनर्स के लिए सबसे जरूरी कास्ट कटिंग होती है। वे अपने यहां अनट्रेंड टीचर्स एप्वाइंट करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि ये कम सैलरी पर आसानी से मिल जाते हैं। इंटरमीडिएट या ग्रेजूएशन के बाद ये स्कूलों में पढ़ाने लगते हैं। ट्रेंड टीचर्स को रखने में दिक्कत ये है कि उन्हें मानक के अनुरूप पेमेंट करना पड़ता है।

पैरेंट्स को नहीं होती जानकारी

एडमिशन के समय पैरेंट्स की भी लापरवाही सामने आती है। बच्चे का स्कूल में दाखिला कराने से पहले पैरेंट्स इसकी तस्दीक नहीं करते कि स्कूल मान्यताप्राप्त है या नहीं। यही नहीं, स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स ट्रेंड हैं या नहीं इस बारे में भी पैरेंट्स स्कूल प्रशासन से कोई बात नहीं करते।

वर्जन

पैरेंट्स को स्कूलों में दाखिला कराने से पहले स्कूल की मान्यता और टीचर्स के बारे में जरूर पता करना चाहिए। सवाल बच्चों के भविष्य का है। अब पैरेंट्स को बच्चे का एडमिशन कराने से पहले इसका ध्यान रखना होगा।

जय करन यादव

बीएसए, इलाहाबाद