-अब 10 मई को आयोजित होगी पुनर्परीक्षा

<-अब क्0 मई को आयोजित होगी पुनर्परीक्षा

ALLAHABAD: ALLAHABAD: लखनऊ में पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद रविवार की सुबह से चल रही अटकलों को सोमवार की देर शाम लोक सेवा आयोग ने विराम दे दिया। आयोग के सदस्यों ने शाम को हुई मिटिंग में एसटीएफ और इंटरनल जांच कमेटी की रिपोर्ट पर डिस्कशन किया और तय किया कि पहली पारी की परीक्षा निरस्त कर दी जाय। देर शाम परीक्षा नियंत्रक ने इसकी पुष्टि करते हुए परीक्षा की नई तिथि भी घोषित कर दी।

<लखनऊ में पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद रविवार की सुबह से चल रही अटकलों को सोमवार की देर शाम लोक सेवा आयोग ने विराम दे दिया। आयोग के सदस्यों ने शाम को हुई मिटिंग में एसटीएफ और इंटरनल जांच कमेटी की रिपोर्ट पर डिस्कशन किया और तय किया कि पहली पारी की परीक्षा निरस्त कर दी जाय। देर शाम परीक्षा नियंत्रक ने इसकी पुष्टि करते हुए परीक्षा की नई तिथि भी घोषित कर दी।

जांच कमेटी ने की थी संस्तुति

उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ ने सोमवार की देर शाम हुई बातचीत में बताया कि 28 मार्च को हुई पीसीएस परीक्षा का पहला प्रश्न पत्र रद्द कर दिया गया है। यह परीक्षा 9:30 से 11:30 बजे के बीच हुई थी। उन्होंने बताया कि पर्चा लीक मामले में जांच के लिए आयोग ने अपने स्तर से जांच समिति का गठन किया था। जिसमें सदस्य डॉ। राजेन्द्र कुमार, गुरुदर्शन सिंह एवं डॉ। सुनील जैन शामिल थे। जांच कमेटी की संस्तुति पर परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया गया है। अब यह परीक्षा 10 मई को 9:30 से 11:30 बजे के बीच होगी।

अडि़यल रुख से मजाक बनी संवैधानिक संस्था

सीएम की सख्ती से बदले अफसरों के सुर

<जांच कमेटी ने की थी संस्तुति

उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ ने सोमवार की देर शाम हुई बातचीत में बताया कि ख्8 मार्च को हुई पीसीएस परीक्षा का पहला प्रश्न पत्र रद्द कर दिया गया है। यह परीक्षा 9:फ्0 से क्क्:फ्0 बजे के बीच हुई थी। उन्होंने बताया कि पर्चा लीक मामले में जांच के लिए आयोग ने अपने स्तर से जांच समिति का गठन किया था। जिसमें सदस्य डॉ। राजेन्द्र कुमार, गुरुदर्शन सिंह एवं डॉ। सुनील जैन शामिल थे। जांच कमेटी की संस्तुति पर परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया गया है। अब यह परीक्षा क्0 मई को 9:फ्0 से क्क्:फ्0 बजे के बीच होगी।

अडि़यल रुख से मजाक बनी संवैधानिक संस्था

सीएम की सख्ती से बदले अफसरों के सुर

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: संवैधानिक संस्था उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के लिए बीते चौबीस घंटे हाहाकारी साबित हुए। एक तरफ शासन स्तर से बढ़ता दबाव तो दूसरी ओर छात्रों के आक्रोश तले दबे आयोग के अफसरों के सुर सोमवार शाम अचानक बदल गए। रविवार के बाद सोमवार को पूरे दिन परीक्षा रद्द न करने के अडि़यल रुख पर कायम आयोग ने देर शाम परीक्षा को निरस्त किए जाने की घोषणा कर दी।

नहीं सुनाई पड़ी छात्रों की आवाज

यूपीपीएससी ने संडे को पीसीएस प्री एग्जाम का पर्चा आउट होने के बाद यह मानने से इंकार कर दिया था कि इस परीक्षा का पेपर आउट हुआ है। आयोग के सचिव रिजवानुर्रहमान का तो यहां तक कहना था कि परीक्षा शान्तिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई है और उन्हें कहीं कोई गड़बड़ी की जानकारी मिली ही नहीं। रविवार की सुबह पर्चा लीक का मामला सामने आ जाने के बाद से ही परीक्षा निरस्त कर दिए जाने की चर्चा होने लगी थी। दूसरी पाली में परीक्षा देने पहुंचे कैंडीडेट्स ऑफिसर्स के साथ मीडिया से पूछते रहे कि एग्जाम होगा या नहीं। आयोग अपने फैसले पर डटा रहा। दूसरी पाली में भी निर्धारित समय पर परीक्षा आयोजित की गई। सोमवार को पूरे दिन भी संवैधानिक पदों पर काबिज जिम्मेदारों के बोल नहीं बदले। प्रतियोगी चीख चीखकर ये कहते रहे कि पेपर आउट हुआ है। यहां तक कि लखनऊ एसटीएफ ने भी साफ कर दिया कि पेपर लीक हुआ है। सोमवार को दिन में इलाहाबाद में इसे लेकर उग्र प्रदर्शन भी हुआ। तब भी आयोग अपने फैसले पर अड़े रहे।

पहले भी हो चुकी है किरकिरी

राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा को लेकर जिस तरह का सुस्त रवैया आयोग के कर्ताधर्ताओं ने अपनाया, उसने साफ संकेत दिए हैं कि अगर सीएम अखिलेश यादव ने खुद कड़ा रुख नहीं अपनाया होता तो शायद ही आयोग अध्यक्ष और सदस्यों के कान में कोई जूं रेंगने वाली थी। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब आयोग ने इस तरह की लचर कार्यशैली का परिचय दिया हो।

आयोग की परीक्षाएं और विवाद

पीसीएस ख्0क्क् में परीक्षा में त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने को लेकर विवाद हुआ। इसका प्रतियोगियों ने जमकर विरोध किया। मामला हाइकोर्ट तक गया। कोर्ट के आदेश के बाद आयोग बैकफुट पर आया और इस फैसले को वापस लिया गया।

पीसीएस ख्0क्ख् की फाइनल लिस्ट पर भी विवाद हुआ। इसमें एक जाति विशेष के लोगों को प्रमोट करने का आरोप लगा था। इसे लेकर भी बड़ा बखेड़ा खड़ा हुआ था। आयोग इस मामले में नहीं झुका तो प्रतियोगियों ने पूरी परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग कर दी। इस पर कोई फैसला अब तक नहीं हुआ है।

पीसीएस जे ख्0क्फ् की आंसर की को लेकर भी सवाल उठे। आयोग से जारी आंसर की के क्भ् सवालों पर प्रतियोगियों ने आपत्ति दर्ज कराई। आयोग ने इसे मानने से इंकार कर दिया तो प्रतियोगी कोर्ट चले गए। कोर्ट के आदेश पर परीक्षा का परिणाम फिर से घोषित किया गया।

पीसीएस-प्री परीक्षा ख्0क्भ् एक नजर में

-कुल ब्,फ्फ्,079 परीक्षार्थियों ने किया था आवेदन

-ख्0 जनपदों में रविवार को आयोजित की गई थी परीक्षा

-इलाहाबाद में 70 फीसदी परीक्षा में शामिल हुए, पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा म्0 फीसदी था

-परीक्षा के लिए कुल 9क्7 केन्द्र बनाए गए थे

इलाहाबाद में बनाए गए थे फ्भ् केन्द्र

यहां कुल क्7ब्00 प्रतियोगियों को देनी थी परीक्षा