- सिविल लाइंस पुलिस द्वारा गिरफ्तार शातिर चोरों ने किया सनसनीखेज खुलासा

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कई माह पहले ही पुलिस को किया था आगाह

PRAYAGRAJ: सिटी के वाहन स्टैंड चोरी की बाइक रखने के लिए मुफीद अड्डे बन गए हैं। कुछ माह पूर्व 'दैनिक जागरण आई नेक्स्ट' ने वाहन स्टैंडों में पार्क की जा रही चोरी की बाइक को लेकर प्रमुखता से खबर पब्लिश की थी। शनिवार को सिविल लाइंस पुलिस द्वारा वाहन चोरों को गिरफ्तार किया। इन्होंने स्वीकार किया कि बाइक चोरी करने के बाद स्टैण्ड में वाहन को पार्क किया करते थे।

कौशाम्बी के रहने वाले हैं शातिर

सिविल लाइंस पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए शातिर दोनों बाइक चोर पड़ोसी जनपद कौशाम्बी के हैं। इनमें राघवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रोहित पुत्र प्रेम सिंह निवासी थाना पश्चिमशरीरा के जजौली गांव का है। जबकि समीर खान उर्फ खन्ने खां पुत्र नन्हें खान मुख्यालय मंझनपुर के चमनगंज मोहल्ले का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में दोनों ने कई तरह के राज उगले। बताए कि वह एक अंतरजनपदीय वाहन चोर गैंग के लिए काम करते हैं।

ऐसे करते थे सौदा

- चुराई गई ज्यादातर बाइक का सौदा सरगना के जरिए किया जाता है।

- जिस जनपद से बाइक चुराते हैं, उसे उसी जिले में वह कभी नहीं बेचते। - इनके पास से कुल चोरी की कुल चार बाइक बरामद हुई है। इनसे से अपाचे सहित दो बाइक वह रेलवे स्टेशन के वाहन स्टैंड पर खड़ी किए थे।

- जिसे वाहन स्टैंड से पुलिस ने बरामद कर लिया है। पैशन प्रो बाइक संगम पैलेस व हनुमान मंदिर से चोरी सिविल लाइंस से दोनों स्कूटी चुराए थे। चोरी की बाइक के नंबर प्लेट पर फर्जी नंबर लिखकर स्टैंड में पार्क किया करते थे।

बरामद हो सकती हैं दर्जनों बाइक

- सिविल लाइंस पुलिस के इस खुलासे के बाद एक बार फिर रेलवे स्टेशनों के वाहन स्टैंड में काफी दिनों से खड़ी बाइक संदेह के गिरफ्त में हैं।

- माना जा रहा है कि यदि पुलिस गहनता से छानबीन करे तो यहां यहां लंबे समय से पार्क कई बाइक चोरी की मिल सकती हैं।

- कौन सी बाइक चोरी की है यह मालूम करने के लिए पुलिस को बस थोड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

- इसके लिए पुलिस को रेलवे स्टेशन के वाहन स्टैंड संचालकों से काफी दिनों से खड़ी गाडि़यों का डिटेल लेना होगा।

- इसके बाद प्राप्त डिटेल में जो गाडि़यां हों उसे मोबाइल में मौजूद एप के जरिए सर्च कर उसके मालिक से पूछताछ की जाय।

नंबर फर्जी होंगे तो भी सही नंबर की गाड़ी वाला बता देगा कि उसकी बाइक उसके पास है।

यदि नंबर सही होगा तो भी बाइक मालिक बता देगा कि वह इतने दिनों से यहां बाइक पार्क करके क्यों गायब है।

गिरफ्तार बाइक चोर अंतरजनपदीय गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। चोरी की बाइक वह रेलवे स्टेशन के वाहन स्टैंडों में पार्क किया करते थे। इन वाहन स्टैंडों में गाड़ी चेकिंग का काम सिविल पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

रवीन्द्र प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस