प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में फुटपाथ पर कब्जा करके दुकान लगाने वाले वेंडर ही वेंडिंग जोन को पलीता लगा रहे हैं। वेंडिंग जोन में दुकानों को अलाट कराने के बाद भी वे वहां शॉप नहीं खोल रहे हैं। कई दुकानदार ऐसे हैं जो अपने नाम दुकान अलॉट कराने के बाद किराए पर दे दिए हैं। जबकि वे खुद पूर्ववत अपनी जगह फुटपाथ पर ही दुकान लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वेडिंग जोन बनाने के पीछे सरकार और नगर निगम दोनों की ही मंशा यहां धूमिल होती नजर आ रही है। नगर निगम के जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। लिहाजा ऐसे वेंडरों के हौसले और भी बुलंद हैं। पिछले दिनों इस वेंडिंग जोन में दुकानदारों को शिफ्ट कराने का अभियान छेड़ा गया था। मगर यह अभियान के प्रेशर का सामना विभागीय अफसर नहीं कर सके। लिहाजा विभाग 'मूदहूं आंख कतहुं कुछ नाहीÓ की कहावत पर चल पड़ा।

लाखों खर्च पर लाभ ढेला भर नहीं
स्मार्ट सिटी के नाम पर इस शहर में जो अधिकारी जो भी करें सरकार की खुली छूट है। किए गए कार्यों का से लोगों को कितना लाभ मिल रहा या दिला पा रहे यह देखने की फुर्सत किसी को नहीं है। आगामी महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए सिटी को खूबसूरत बनाने में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। शहर स्वच्छ व सुंदर दिखाई दे इसके लिए रोड किनारे पैदल चलने के लिए बनाए गए फुटपाथ से वेंटरों की दुकानों को हटाने का प्लान बनाया गया। प्लान तो बन गया सवाल उठा कि यदि उन्हें फुटपाथ से हटाया गया तो उन बेरोजगारों का परिवार कैसे चलेगा। यह देखते हुए नगर निगम के द्वारा वेंडिंग जोन बनाने का मसौदा तैयार किया गया। पैसे की कमी तो है नहीं लिहाजा सड़कें चिन्हित करके नगर निगम ने रोड किनारे जहां चौड़ा फुटपाथ था कई स्थानों पर वेडिंग जोन बना दिया। बताते हैं कि दो मीटर लंबा व दो मीटर चौड़ी वेंडिंग जोन का अलाट मेंट भी कर दिया गया। दुकानें तो वेंडर अलॉट करा लिए मगर 90 प्रतिशत ऐसे वेंडर है जो यहां दुकान नहीं लगा रहे। ऐसे दुकानदारों को इस वेंडिंग जोन में शिफ्ट कराने का भी प्लान बनाया गया।

नैनी से हुई थी शुरुआत
शिफ्टिंग अभियान की शुरुआत नैनी इलाके से की गई। सबसे पहले उन लोगों को टच किया गया जो काटन मिल के पास पूर्व महापौर द्वारा 92 दुकानों की बताई गई वेडिंग जोन में शॉप अलॉट करा रहे थे। उन्हें फुटपाथ व रोड से हटाकर इन दुकानों में जाने की हिदायत दी गई। वेडिंग जोन में दुकानों को शिफ्ट कराने का अभियान आगे बढ़ता कि दम तोड़ गया। अभियान को अफसरों के द्वारा ठप करने के पीछे प्रेशर माना जा रहा है।

फुटपाथ पर धंधा, दुकान में किराएदार
वेडिंग जोन में दुकान अलॉट कराने वाले लोग भी कम नहीं हैं, वह दुकान मिलने के बाद भी फुटपाथ पर ही धंधा कर रहे हैं। जबकि वेंडिंग जोन में खुद के नाम से अलॉट हुई दुकान को वे बाकायदे किराए पर उठा दिए हैं। इस अंधेरगर्दी की तरफ नगर निगम के अफसर सख्ती के साथ देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। बताते चलें कि यह वेडिंग जोन नैनी में दो जगह, शहर में मेडिकल चौराहा व सिविल लाइंस पीडी टंडन पार्क के दोनों ओर बनाए गए हैं। इतना ही नहीं सिविल लाइंस थाने के पीछे दूरसंचार के सामने, सलोरी में ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के पास भी वेडिंग जोन की दुकानें बनाई गई हैं.हर जगह जो लोग दुकानें अलॉट करा चुके हैं वे फुटपाथ छोड़ कर इस वेडिंग जोन की दुकानों में जाना उचित नहीं समझ रहे।
ऐसी स्थिति में जिन दुकानों का अलॉटमेंट नहीं है, उसमें कुछ ऐसे लोगों का कब्जा करके किराए पर उठा दिए हैं जो वेंडर हैं ही नहीं।

दुकानों को अलॉट करके उसमें वेंडरों को शिफ्ट कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। चूंकि बनाए गए वेंडिंग जोन में व्यवस्थाओं को रोना है। इस लिए वेंडर वहां दुकान नहीं लगा रहे हैं। दुकानें तो विभाग बना दिया पर सुविधाएं वहां पर शून्य हैं।
रविशंकर द्विवेदी
प्रदेश महामंत्री आजाद स्ट्रीट वेंडर यूनियन व सदस्य टाउन वेंडिंग जोन