विद्या भारती पूर्वी उप्र के समुत्कर्षा बालिका शिविर में आई बालिकाओं के ऊंचे हैं सपने

गंगा नगर व दुर्गावती नगर की बालिकाओं ने देशसेवा का संजो रखा है सपना

ALLAHABAD: संगम की रेती पर पहली बार विद्या भारती पूर्वी उप्र द्वारा संचालित विद्यालयों से समुत्कर्षा बालिका शिविर में एक या दो नहीं बल्कि पंद्रह हजार बालिकाओं के लिए पूरा शहर ही बसा दिया गया है। इस शहर में पिछले दो दिनों से रहकर छोटी-छोटी बालिकाओं का हौसला बढ़ाने के साथ उनके सपनों को उड़ान दी जा रही है। कक्षा छह से ग्यारहवीं की इन छात्राओं के सपने काफी ऊंचे हैं।

परिजन चाहते हैं दुनिया देखो

शिविर में उप्र के 49 जिलों से सरस्वती शिशु मंदिर व सरस्वती विद्या मंदिर की बालिकाएं आई हैं। शिविर के लिए परेड ग्राउंड में कुल तेरह नगर बसाए गए हैं। इनमें से गंगानगर व दुर्गावती नगर में फतेहपुर, कानपुर, इटावा, हमीरपुर व कन्नौज से आई बालिकाएं हैं। इनकी मानें तो सभी के परिजनों ने कहा कि घर से निकलो, दुनिया देखो और उससे मिलने वाले अनुभवों से व्यक्तित्व को मजबूत बनाओ।

डॉक्टर बन गरीबों की सेवा करनी है। यह सपना सहेलियों के साथ शेयर की तो सब मुझे प्रोत्साहित कर रही थीं। इससे बहुत खुशी मिल रही है।

नम्रता, ग्यारहवीं कक्षा, इटावा

कक्षा तीन से मैं पुलिस की वर्दी पहनने का सपना देख रही हूं। सीएम के आने पर पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में पुलिस वालों को देखकर हौसला बढ़ गया है।

सृष्टि यादव, सातवीं कक्षा, संभल

मुझे आईपीएस बनना है। गरीब जनता को न्याय दिलाना है क्योंकि मैंने अपने गांव में देखा है कि गरीबों को इंसाफ पाने के लिए बहुत परेशान होना पड़ता है।

श्रुति गुप्ता, दसवीं कक्षा, हमीरपुर

जब कोई आतंकवादी सैनिकों को मारता है तो बहुत गुस्सा आता है। सेना की अधिकारी बनकर आतंकवादियों को मारना है।

प्रज्ञा सिंह, आठवीं कक्षा, फतेहपुर

शिविर में रानी दुर्गावती की जीवनी पढ़कर मेरा हौसला बढ़ गया है। डॉक्टर बनकर समाजसेवा करनी है। जिनके पास पैसा नहीं सबसे ज्यादा उन्हीं लोगों का इलाज करुंगी।

यशी दीक्षित, सातवीं कक्षा, कानपुर देहात

हमारी शिक्षिका हम लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की राह दिखा रही हैं। मैं भी शिक्षिका बनकर गांवों में लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने का काम करुंगी।

पि्रंस पाल, आठवीं कक्षा, औरेया

यहां पर ऐसी-ऐसी वीरांगनाओं का जीवन चरित्र पढ़ने को मिला है जिससे मेरे अंदर नई ऊर्जा पैदा हुई है। एयरफोर्स में अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है।

अवंतिका सिंह, बीएससी द्वितीय वर्ष, फतेहपुर

मन में जो संकोच था वह यहां आकर दूर हो गया है। इतनी संख्या में साथियों को देखकर उनसे बात करके मेरा आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है। सीएम के संबोधन ने बहुत पे्ररित किया है।

आयुषी अवस्थी, आठवीं कक्षा, कानपुर नगर