एनेस्थीसिया कंजेशन से तो नहीं हुई death?

कॉल्विन हॉस्पिटल में सैटरडे को शाहगंज की जमीला (४७) और करेली के राम बहोरे (४८) की मौत हो गई थी। दोनों की आर्थोपेडिक सर्जरी होने के बाद अचानक हालत बिगड़ी और एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले इनकी डेथ हो गई। इनकी सर्जरी डॉ। डीके श्रीवास्तव और डॉ। जेके सिंह ने की थी। परिजनों की नाराजगी पर एडी हेल्थ ने चार सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी। इसमें डॉ। बीएन श्रीवास्तव, डॉ। वीके सिंह और डॉ। एके मिश्रा को शामिल गया है। मंडे को मरीजों की सर्जरी में यूज हुई दवाओं के सैंपल भी जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। हालांकि हॉस्पिटल के एसआईसी डॉ। एआर सिंह का कहना है कि घटना के हर पहलू की जांच की जाएगी। ऐसा तो नहीं है कि इनकी डेथ एनेस्थीसिया कंजेशन के चलते हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

लगातार चल रहा है विरोध

दो मरीजों की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मंडे को शहर कांग्रेस कमेटी ने हॉस्पिटल के बाहर धरना-प्रदर्शन कर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उनका कहना था कि दोनों मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा देकर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं एडी हेल्थ डॉ। आभा श्रीवास्तव का कहना है कि यह गंभीर मामला है। उन्होंने खुद जाकर कॉल्विन का मुआयना किया है और दवाओं का सैंपल जांच के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों बॉडी का पोस्टमार्टम हो जाता तो आसानी से मौत का कारण पता चल सकता था। दोनों मरीजों के इलाज से जुड़े सभी पेपर्स की बारीकी से जांच की जा रही है।