साबरी ब्रदर्स की कव्वालियों से सजी खुशरोबाग की शाम

मशहूर कव्वालियों से जीता श्रोताओं का दिल, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा आसमान

ALLAHABAD: बजरंगी भाईजान की 'भर दे झोली मेरी या मोहम्मद', 'देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए' जैसी दिल अजीज ग़जलों से देश ही नहीं दुनियाभर में धूम मचाने वाले साबरी ब्रदर्स ने शनिवार की शाम इलाहाबादियों का दिल जीत लिया। लाखों दिलों की धड़कन मशहूर क व्वाल उस्ताद सईद साबरी, फरीद और अमीन साबरी ने अपनी कव्वालियों से ऐसा समां बांधा कि श्रोता उसे सुन कर झूम उठे। लोगों ने उन्होंने साबरी ब्रदर्स के सूफियाना अंदाज का पल-पल मजा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

दिलकश आवाज के मुरीद हुए श्रोता

जिला प्रशासन की ओर से ऐतिहासिक खुशरूबाग में संगीत की रुहानी शाम का आयोजन किया गया था, जिसमें रंग जमाने के लिए खुद मशहूर कव्वाल साबरी ब्रदर्स देर रात तक जमे रहे। उनकी चुनिंदा दिलकश कव्वालियों में जिनके रहमत के बिना शामिल गुनहगारों में, ख्वाजा के दरबार में पेश की जाने वाली मशहूर कव्वाली ऐ मैं तो दीवानी सुनाकर उन्होंने श्रोताओं की वाहवाही लूटी। इसके अलावा उन्होंने कौमी तराने मेरे तकदीर के कातिब मेरी पहचाना लिख देना तेरे तन के हर हिस्से पर हिंदुस्तान लिख देना, परिंदों के यहां फिरकापरस्ती क्यों नहीं होती, कभी मंदिर पे बैठा, कभी मस्जिद पे बैठा है सुनाकर अपनी मौजूदगी का हर पल अहसास कराया।

मौसम के तकाजे से रंगीन हो गया मिजाज

एक ओर साबरी ब्रदर्स तो दूसरी ओर मौसम का रंगीन मिजाज। दोनों ने श्रोताओं की खुशी में चार चांद लगा दिए। जिला प्रशासन ने इस आयोजन को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। शाम से ही गाडि़यों की पार्किग लीडर रोड प्रेस ग्राउंड में कराई जाती रही। हालांकि इसको लेकर रोड पर जाम भी लगता रहा। शनिवार शाम प्रोग्राम शुरू होते-होते खुशरूबाग में खासी भीड़ जमा हो गई। खुद डीएम संजय कुमार, कमिश्नर राजन शुक्ला समेत तमाम पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी माहौल का जायजा लेते नजर आए। कार्यक्रम की शुरुआत में एनसीजेडसीसी के संजय द्विवेदी ने आधे घंटे की प्रस्तुति दी। जिसे श्रोताओं ने जमकर सराहा। देर रात तक चली कव्वाली महफिल में भारी संख्या में कद्रदान जुटे रहे।