प्रयागराज (ब्‍यूरो)। छात्रों के प्रयागराज में हुए आंदोलन के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2 मार्च 2024 को एक्स हैंडल पर पोस्ट कर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह में इसे पुन: कराने के आदेश दिए हैं। सीएम की तरफ से शेयर की गयी इस इंफारमेशन से युवा जोश से भर गये और सीएम को थैंक्स बोला था। लेकिन, 17 दिन से अधिक बीत चुके हैं और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से परीक्षा को रद किये जाने का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। इसे लेकर युवाओं में संशय और नाराजगी है। उन्होंने बुधवार को सीएम को ट्वीट करके फिर से इस मुद्दे को उठाया है।

सीबीआई जांच आ गई याद
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2017 में भाजपा के सत्ता संभालने के समय यूपीपीएससी सवालों से घिरा हुआ था। चुनाव से पूर्व भाजपा की तरफ से आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच कराने का भरोसा दिलाया गया था। सरकार बनने के बाद आयोग की परीक्षाओं की जांच सीबीआई को सौंप भी दी गयी लेकिन, सात साल बाद सीबीआई जांच का न तो कोई नतीजा सामने आया है और न ही किसी भर्ती में भ्रष्टाचार उजागर किया जा सका है। जांच रिपोर्ट भी अभी पूरी सामने नहीं आयी है। बुधवार को सीएम के एक्स हैंडिल पर रिप्लाई करने वाले युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने कहा कि एसटीएफ जांच में रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ नहीं किया गया है। युवा मंच ने लोक सेवा आयोग द्वारा अभी तक आरओ/एआरओ पेपर रद्द करने की नोटिस जारी न करने का प्रकरण उनके संज्ञान में लाकर तत्काल उचित कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।

पेपर लीक व आचार संहिता लागू होने की वजह से तमाम परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ा है। ऐसे में लोक सेवा आयोग द्वारा संशोधित कलैंडर जारी करना चाहिए जिससे युवाओं को परीक्षा तिथियों को लेकर असमंजस न रहे और अनावश्यक रूप से उन्हें मानसिक तनाव से न गुजरना पड़े।
राजेश सचान
संयोजक, युवा मंच