किशोर की पहचान 16 वर्षीय देवेंद्र के रूप में हुई है। देवेंद्र अपने पिता साधूराम और छोटे भाई पप्पू के साथ भुता में रहता है। वेडनसडे सुबह वह अपने पड़ोसी हीरालाल की दुकान के पास स्टूल पर बैठा हुआ था। अचानक वहां से गुजर रही 11 हजार केवी बिजली के वायर में स्पार्किंग हुई। स्पार्किंग के बाद तार टूट कर देवेंद्र पर गिर गया।