बरेली (ब्यूरो)।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कुलसचिव अजय कृष्ण यादव को 15 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी दी कि यदि छात्रों का अहित विश्वविद्यालय में नहीं रुका तो जल्द बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

कुलसचिव को सौंपे गए ज्ञापन में छात्रों ने नई शिक्षा नीति के तहत जारी शासनादेश के विपरीत लगभग दोगुणी वसूली जा रही सेमेस्टर परीक्षा शुल्क को तत्काल वापस लेकर प्रदेश के अन्य राज्य विश्वविद्यालयों की तरह फीस निर्धारित करने की मांग रखी। छात्रों से अब तक वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस कराने की मांग की गई। मांग की गई है कि परीक्षा फार्म भरने से पूर्व विश्वविद्यालय निर्धारित परीक्षा शुल्क आनलाइन पंजीकरण फार्म भरने से पूर्व नोटिस में दर्शाया जाए। आनलाइन पोर्टल में स्पष्ट रूप से नवीन परीक्षार्थियों से नामांकन शुल्क एक ही जाए। प्रवेश परीक्षा और परिणाम के आनलाइन कार्य के लिए अपना साफ्टवेयर निर्मित किया जाए। छात्रवृति के लिए मास्टर डाटा शीघ्र महाविद्यालयों को प्रेषित किया जाए। छात्रों के परीक्षा परिणाम में आ रही कमियों का निराकरण शीघ्र कराएं। ऐसे परीक्षकों को मूल्यांकन से हटाया जाए जिनके पाल्य परीक्षा दे रहे हैं। वेबसाइट पर आय व्यय की वार्षिक रिपोर्ट, कार्यसमिति विद्या परिषद एवं परीक्षा समिति की बैठकों का विवरण अपलोड करें। छात्र संघ चुनाव शीघ्र कराएं। शासन द्वारा निर्धारित शैक्षणिक कलेंडर का कठोरता से पालन हो, अटल सभागार के निर्माण व साज सज्जा पर कुल व्यय पर विश्वविद्यालय श्वेत पत्र जारी करे।

दर्शनशास्त्र विभाग में पिछले पांच वर्षोंं से छात्र संख्या कम रहने के बाद भी एके ङ्क्षसह को पदनाम देते प्रोफेसर स्केल देने की जांच हो। विश्वविद्यालय में अतिशीघ्र कोर्ट का गठन किया जाए। शोधकार्य में प्रवेश से लेकर उपाधि प्रदान करने तक एक कलेंडर घोषित किया जाए।

ज्ञापन देने में यह छात्र रहे मौजूद

अभा विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री नितिन माहेश्वरी, महानगर संगठन मंत्री अवनी यादव, श्रेयांश बाजपेई, नितिन, शिवम सक्सेना, अक्षित आदि मौजूद रहे। इसके बाद विद्यार्थी परिषद नेताओं ने कैंपस में छात्रों में जनजागरण के लिए पत्रक बांटे और छात्र हित की मांगें पूरी नहीं होने पर बड़े आंदोलन में साथ देने के लिए छात्रों से सहयोग की अपील की।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने 15 सूत्रीय ज्ञापन दिया है। उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो जांच कराई जाएगी। विश्वविद्यालय के लिए छात्रों का हित सर्वोपरि है।

- अजय कृष्ण यादव, रजिस्ट्रार एमजेपीआरयू