-कॉलेज मैनेजमेंट ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही गेट कर दिया था ओपन

-पिछले 6 वर्ष में हुए पांचों सुसाइड केस में पुलिस के पहुंचने से पहले गेट ओपन होने का शक

<-कॉलेज मैनेजमेंट ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही गेट कर दिया था ओपन

-पिछले म् वर्ष में हुए पांचों सुसाइड केस में पुलिस के पहुंचने से पहले गेट ओपन होने का शक

BAREILLY: BAREILLY: एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट अनन्या दीक्षित सुसाइड केस में पुलिस जांच में साक्ष्यों से छेड़छाड़ की बात सामने आयी है। पुलिस कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ साक्ष्य मिटाने की धारा ख्0क् आईपीसी शामिल कर रही है। इससे पहले पुलिस ने आत्महत्या के लिए विवश करने का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस की जांच में अभी तक आया है कि अनन्या दीक्षित मर्डर केस की तरह ही इससे पहले कॉलेज में हुए सुसाइड केसेज में कॉलेज प्रशासन ने सुबूत मिटाने की कोशिश की है। पुलिस पुराने केसेज की भी हिस्ट्री खंगाल रही है। वहीं आईजी रूल्स अमिताभ ठाकुर ने एसएसपी बरेली को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

क्या सुसाइड नोट गायब किया गया

म् सिंतबर को अनन्या हॉस्टल के रूम में फंदे पर लटकी मिली थी। सूचना पर पुलिस टीम क्0 मिनट में मौके पर पहुंच गई थी। बावजूद इसके कॉलेज प्रशासन ने पुलिस पहुंचने से पहले ही अनन्या के रूम का गेट तोड़ दिया, लेकिन शव को नहीं उतारा था। पुलिस का कहना है कि यदि अनन्या को जिंदा समझकर जान बचाने के लिए गेट तोड़ा गया तो उसके शव को भी उतारकर इलाज के लिए ले जाया जाता। कॉलेज प्रशासन मेडिकल से जुड़ा हुआ है, इसलिए उन्हें खिड़की से देखने से सुसाइड का पता चल गया होगा। जब अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी तो फिर गेट ओपन नहीं करना चाहिए था। हो सकता है कि गेट ओपन करने के बाद वहां से कोई सुसाइड नोट गायब कर दिया गया, ताकि पुलिस को कोई सबूत न मिले, क्योंकि अनन्या के पिता ने रैगिंग के चलते जान देने की बात कही है।

पहले भी सबूतों से छेड़छाड़ का शक

एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में अनन्या दीक्षित मर्डर केस कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले बरेली के बड़े दवा कारोबारी के बेटे यश खटवानी, हरियाणा की अंकिता सिंघल, प्रियंका अग्रवाल और मेंहदी हसन हैं। बताया जा रहा है कि सभी स्टूडेंट्स ने फंदा लगाकर जान दी है। पुलिस की जांच में आया है कि सभी मामलों में कॉलेज प्रशासन ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही रूम का गेट तोड़ दिया लेकिन शव को नीचे नहीं उतारा। जिससे कॉलेज प्रशासन की भूमिका और संदिग्ध हो गई है। अनन्या के पिता अनादि ने भी यश और प्रियंका अग्रवाल सुसाइड केस का जिक्र अपनी तहरीर में किया है। क्या इन सभी मामलों में पुलिस के पहुंचने से पहले सुबूतों से छेड़छाड़ की गई।

ब् मिनट में पहुंची हॉस्टल

पुलिस ने कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी है, जिसमें अनन्या क्लास रूम से 7 बजकर फ्ब् मिनट पर बाहर निकल रही है और वह 7 बजकर फ्8 मिनट पर हॉस्टल में एंट्री करती है। इस दौरान उसके साथ कोई था या नहीं यह कहना मुश्किल हो रहा है।

कैसे ओपन होगा फोन

पुलिस ने अनन्या सुसाइड केस में उसका आईफोन का डाटा रिकवर करने के लिए हैदराबाद फॉरेंसिक लैब भेजा है, लेकिन यहां भी फोन ओपन होना मुश्किल ही लग रहा है, क्योंकि एप्पल की पॉलिसी है कि वह अपने कस्टमर के फोन का डाटा शेयर नहीं करता है। दिसंबर ख्0क्भ् में कैलिफोर्निया के सैन बर्नडीनो में हुए आतंकी हमले में एक आतंकी सैय्यद रिजवान फारूक से आईफोन बरामद हुआ था। एफबीआई ने एप्पल कंपनी से फोन अनलॉक करने की अपील की थी, लेकिन कंपनी ने प्राइवेसी राइट का हवाला देकर फोन अनलॉक करने से साफ इनकार कर दिया था। भारत में भी आए कई केसेज में एप्पल ने प्राइवेसी राइट का हवाला देते हुए फोन अनलॉक करने से साफ इनकार किया है। ऐसे में अनन्या दीक्षित के मोबाइल से डाटा रिकवर करना मुश्किल होगा।

आईजी रूल्स ने लिखा पत्र

अनन्या दीक्षित के पिता अनादि दीक्षित ने आईजी रूल्स अमिताभ ठाकुर को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बेटी की मौत में कॉलेज प्रशासन की भूमिका को संदिग्ध माना है। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के सीनियर ऑफिसर्स पर सुबूतों से छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया है। पिता के पत्र पर आईजी ने एसएसपी बरेली को पत्र लिखा है और कहा कि वह इस केस को पर्सनल तौर पर देखकर जांच करें।

अनन्या केस में शुरुआती जांच में सुबूतों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। आईपीसी की धारा ख्0क् बढ़ाई जा रही है।

ख्याति गर्ग, एसपी रूरल