बरेली (ब्यूरो)। दस नवम्बर को हुई बारिश ने एक्यूआई 100 भी कम हो गया था। इससे शहर की आबोहवा काफी सुधर गई थी। इसके तीन दिन बाद दीपावली पर हुई आतिशबाजी ने एक्यूआई को ढाई गुना तक बढ़ा दिया है। इससे बीमार और बुजुर्गों को सांस लेने और एलर्जी जैसी समस्या हो रही है। आम लोगों को भी आंखों में जलन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं जिम्मदारों की मानें तो पिछले वर्षों की तुलना में इस बार एक्यूआई काफी हद तक कंट्रोल में रहा। पिछले वर्षों में दीपावली के मौके पर एक्यूआई 400 तक पहुंचा था। इस बार दीपावली की सुबह मंडे को राजेन्द्र नगर का एक्यूआई 213 तो सिविल लाइंस एरिया का 190 तक पहुंचा था।

फिर बढ़ा एक्यूआई
बारिश दस नवम्बर को रात को हुई थी। इसके बाद शहर का एक्यूआई घटकर 73 तक आ गया था। बारिश के बाद दो दिन तक एक्यूआई कंट्रोल में रहा, पर दीपावली पर हुई आतिशबाजी ने एक्यूआई में फिर ढ़ाई गुना तक बढ़ोत्तरी हो गई। जिम्मेदारों का कहना है कि शहर में चल रहे निर्माण कार्यों में मानकों का ध्यान रखा जाए तो एक्यूआई में सुधार लाया जा सकता है। इसके साथ ही दीपावली पर हुई आतिशबाजी इसका मेन कारण है। वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जित कार्बनिक तत्व, टूटी सडक़ों से उडऩे वाली धूल से जिले भी आबोहवा खराब हो रही है।

राजेन्द्र नगर की हवा अधिक दूषित
दीपावली से पहले सिविल लाइंस एरिया का एक्यूआई अधिक रहता था। आंकड़ों पर गौर करें तो एक्यूआई राजेन्द्र नगर की अपेक्षा सिविल लाइंस का अधिक होता था। इस बार दीपावली पर सिविल लाइंस एरिया का एक्यूआई कम और राजेन्द्र नगर का एक्यूआई अधिक हो गया।


तिथि सिविल लाइंस राजेंद्र नगर

05- नवम्बर 190 155
06- नवम्बर 134 137
07-नवम्बर 178 148
08 नवम्बर 208 200
09 नवम्बर 178 157
10 नवम्बर 220 161
11 नवम्बर 74 87
12 नवम्बर 86 98
13 नवम्बर 190 213

सिविल लाइंस एवरेज मिनिमम मैक्सिमम
2.5- पीएम - 154 52 340
10-पीएम 136 47 126
एनओ टू 24 16 31
एनएच थ्री 1 1 1
एसओ टू 34 33 36
सीओ 4 1 34
ओजोन 6 1 55
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राजेन्द्रनगर एवरेज मिनिमम मैक्सिमम
2.5- पीएम - 213 46 500
10-पीएम 173 66 500
एनओ टू 65 37 125
एनएच थ्री 1 1 1
एसओ टू 40 35 57
सीओ 22 1 88
ओजोन 14 07 27

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सर्दी के साथ टेंप्रेचर डाउन होता जा रहा है ह्यूमिडिटी हाई और विंड स्पीड कम होती जा रही है। इसीलिए जो पार्टीकुलेट मैटर या फिर धुएं के साथ निकलने वाले छोटे कण जो 2.5 पीएम होते हैं, वह ऊपर नहीं उठ पाते हैं। आतिशबाजी के कारण 2.5 का उत्सर्जन अधिक होता है, हवा का न चलना और सर्दी के कारण यह छोटे कण उड़ नहीं पाते हैं। वाहनों के धुएं से भी पीएम 2.5 ही निकलता है। इसीलिए एक्यूआई बढऩे लगा है। इस समय फसलों के अवशेष भी कई बार लोग जला देते हैं। इस कारण भी एक्यूआई बढ़ जाता है।
-डॉ। आलोक खरे पर्यावरणविद
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शहर में दीपावली से पहले तो बारिश की वजह से एक्यूआई बेहतर हो गया था। दीपावली पर एक्यूआई बढ़ गया है, लेकिन पिछले वर्षो की अपेक्षा इस बार काफी राहत है। शहर में हो रहे निर्माण के चलते एक्यूआई थोड़ा बढ़ा है। इसके लिए लगातार निगरानी की जा रही है। ह्यूमिडिटी बढऩे के साथ ही हवा की स्पीड भी कम हो गई है। इसीलिए शहर में एक्यूआई बढ़ा है।
रोहित सिंह, रीजनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अधिकारी