(बरेली ब्यूरो)। आपत्तिजनक बयान देने वाले सपा के भोजीपुरा विधायक शहजिल इस्लाम चहुंतरफा घिर चुके हैं। उनके बयान की हर तरफ निंदा की ही जा रही थी। इसी बीच थर्स डे को बरेली विकास प्राधिकरण की ओर से की गई कार्रवाई ने उन पर एक औैर वज्रपात कर दिया। प्राधिकरण द्वारा सीबी गंज में उनके द्वारा अवैध ढंग से बनवाए गए पेट्रोल पंप पर कार्रवाई की गई। फोर्स की उपस्थिति में बीडीए के बलुडोजर ने देखते ही देखते पेट्रेालपंप को धराशायी कर दिया। प्राधिकरण के अनुसार विधायक ने पंप का मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत ही नहीं कराया था। इसको लेकर उन्हें कई नोटिस भी दिए गए। लेकिन, उन्होंने उनका उत्तर नहीं दिया। इस पर वहां कार्रवाई कर दी गई।
सुबह में लगभग साढ़े दस बजे बीडीए की टीम रामपुर रोड स्थित विधायक शहजिल इस्लाम के पेट्रोल पंप शार्फ फिङ्क्षलग स्टेशन पहुंची। उनके साथ कई थानों की फोर्स व पीएसी भी थी। भारी भरकम फोर्स देख पंप पर अफरातफरी मच गई। अधिकारियों ने सबसे पहले फार्म हाउस में मौजूद विधायक शहजिल इस्लाम को बुलवाया। उनके साथ उनके पिता इस्लाम साबिर भी बाहर आ गए। कार्रवाई को लेकर दोनों को जानकारी दी गई। आननफानन में दोनों ने कागज मंगवाए। समय सीमा खत्म होने के बाद बीडीए कार्रवाई पर अडिग रही। इस पर अधिकारियों व विधायक के बीच बहसबाजी भी हुई। विधायक का कहना था कि उन्हें ध्वस्तीकरण का नोटिस नहीं मिला। अधिकारियों ने जारी किए गए नोटिस दिखाए। करीब आधा घंटे तक चली गहमागहमी के बाद बुलडोजर एक्शन में आ गए और देखते ही देखते पंप की मशीनों को छोड़ शेष सब कुछ धराशायी कर दिया गया।

2020 में किया था स्टार्ट
विधायक शहजिल इस्लाम का जहां पर पेट्रोल पंप है, ठीक उसके पड़ोस में उनका फार्म हाउस भी है। पेट्रोल पंप का निर्माण उन्होंने एक हजार वर्ग मीटर में कर रखा था। जानकारी के मुताबिक, साल 2020 में पेट्रोल पंप के निर्माण के बाद उसका संचालन शुरू हुआ। बीडीए की टीम ने सबसे पहले पेट्रोल पंप पर लगी मशीनों को सील किया। फिर चाहरदीवारी गिराई और पेट्रोल पंप की छत को भी ढहाने के साथ फर्श में लगीं टाइल्स भी जेसीबी से उखाड़ फेंकी गईं। डेढ़ घंटे के भीतर पंप ध्वस्त कर दिया गया।

2020 में दिया था पहला नोटिस
बीडीए के मुताबिक, बगैर मानचित्र स्वीकृत कराए पंप पर अवैध निर्माण को लेकर शहजिल इस्लाम को 22 जुलाई वर्ष 2020 में नोटिस जारी किया गया। नोटिस के संबंध में उनके प्रतिनिधि दानिश उपस्थित हुए और 15 दिन का समय मांगा। 15 दिन का समय देते हुए जवाब की तिथि छह अगस्त 2020 तय कर दी गई। फिर एक सप्ताह का समय मांगने पर दे दिया गया। तय समय 14 अगस्त 2020 को दानिश एवं उनके अधिवक्ता की ओर से मानचित्र दाखिल नहीं किया गया। 19 अगस्त 2020 तक अंतिम समय दे दिया गया। पर्याप्त समय होने के बाद भी जवाब न देने पर 31 मार्च 2021 को ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया गया और गुरुवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी गई।

एक अप्रैल को दिया था विवादित बयान
सपा के जिला उपाध्यक्ष संजीव कुमार सक्सेना ने आकाशपुरम में एक अप्रैल को स्वागत कार्यक्रम रखा था। कार्यक्रम में विधायक शहजिल इस्लाम ने भाषण में कहा कि था कि जब मैं शपथ लेने गया तो पिछली बार के विधायक कह रहे कि हमारी संख्या कम थी। 47 में 25-26 विधायक ही सदन में आते थे। सदन के नेता, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हम लोगों के बारे में गलत बयान देते थे। आज हमारी संख्या 126 है। यदि मुख्यमंत्री गलत शब्द कहते हैं तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे, जवाब देंगे। वो दिन चले गए जब तानाशाही चलती थी। अखिलेश यादव बब्बर शेर हैं। अब उनके मुंह से आवाज निकलेगी तो हमारी बंदूकों से धुआं नहीं, गोलियां चलेंगी। कार्यक्रम के अगले दिन दो अप्रैल को भाषण का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था।

चार अप्रैल को हुई थी एफआईआर
मामले में चार अप्रैल को ङ्क्षहदू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी अनुज वर्मा की तहरीर पर शहजिल इस्लाम व सपा जिला उपाध्यक्ष संजीव कुमार सक्सेना के विरुद्ध बारादरी थाने में उकसाने, धमकी देने और राष्ट्रीय अखंडता प्रभावित करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

जुलूस में पाकिस्तान ङ्क्षजदाबाद के नारे
बीते दिनों जीत के बाद शहजिल तब सुर्खियों में आए थे जब उनकी जीत के बाद निकले एक जुलूस में पाकिस्तान ङ्क्षजदाबाद के नारे लगे थे। पूरे प्रकरण का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था।

हमें नहीं मिला कोई नोटिस
बीडीए की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के संबंध में शहजिल ने कहा कि हमें कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। बीडीए द्वारा कई बार नोटिस जारी करने के सवाल पर कहा कि हमें तो एक भी नहीं मिला। नियमानुसार ही निर्माण की उन्होंने बात कही और बीडीए की कार्रवाई को गलत बताया। कार्रवाई के विरुद्ध अपील के सवाल पर वह चुप्पी साध गए।

वर्जन
बिना मानचित्र स्वीकृत कराए पंप पर निर्माण कराया गया था। इस संबंध में प्राधिकरण की ओर से कई नोटिस जारी किए गए। पर्याप्त समय होने के बाद भी जवाब न देने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है।
- जोङ्क्षगदर ङ्क्षसह, उपाध्यक्ष, बीडीए