प्राइवेटाइजेशन के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने भरी हुंकार

दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन ही 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन ठप

बरेली। प्राइवेटाइजेशन के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन बैंक कर्मचारियों ने एकजुट होकर केन्द्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। हड़ताल के समर्थन में राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी बीओबी के रीजनल ऑफिस के बाहर एकजुट हुए। यहां उन्होंने सभा की और इसमें केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया। इस हड़ताल के पहले दिन जिले के करीब 350 बैंक शाखाओं में तालाबंदी रही और इससे 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन प्रभावित हुआ। बैंकों में तालाबंदी से सबसे अधिक कारोबारियों को परेशानी उठानी पड़ी। यह हड़ताल ट्यूजडे को जारी रहेगी और इसका खामियाजा कस्टमर्स को उठाना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री के खिलाफ नारेबाजी

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनीयंस के आह्वान प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल के समर्थन में ऑल इंडिया बीओबी ऑफीसर्स एसोसिएशन, बैंक ऑफीसर्स फेडेरेशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स कॉनफेडेरेशन, बीयूपीजीबी ऑफीसर्स फेडेरेशन आदि से जुड़े कर्मचारी व अधिकारी एकजुट हुए। इसके बाद यूनाइटेड फोरम के लीडर सुनील मित्तल की अध्यक्षता में कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री के खिलाफ भी खूब नारेबाजी की।

प्राइवेटाइजेशन को वापस लेने की चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान बैंक यूनीयंस के पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे। इस मौके पर जिला संयोजक दिनेश सक्सेना ने प्राइवेटाइजेशन को धोखा बताया और सरकार को इसे वापस लेने की चेतावनी दी। ट्रेड यूनीयन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा सरकार देश के नवरत्‍‌नों को चंद पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। इससे आम जनता की हालात दिनोंदिन खराब हो रही है। ऑफीसर्स एसोसिएशन के लीडर ओपी वडेरा ने कहा कि प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ हम हर तरह से लड़ने को तैयार हैं। ग्रामीण बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के लीडर संतोष तिवारी ने कहा आज भी आम लोग सरकारी बैंकों पर ही भरोसा करते हैं। सरकार इस भरोसे को तोड़ रही है। पीपी सिंह ने कहा बैंक राष्ट्रीय संपत्ति हैं और इन्हें बेचना या इनका निजीकरण करना राष्ट्रद्रोह माना जाना चाहिए।

इन्होंने भी रखे विचार

हड़ताल में शामिल बैंक एसोसिएशन के लीडर सुमित भटनागर, रंजन मोहले, नवींद्र कुमार, प्रशांत कुमार, रवि वर्मा, कुशल गर्ग, अशोक खन्ना, अनुराग, आशीष शुक्ला, सुगंधा शर्मा, प्रीति सेन, राहुल कुमार, शैलेन्द्र कुमत, अमित, राजीव अग्रवाल, दीपक कौशल आदि ने भी प्राइवेटाइजेशन के विरोध में अपने विचार रखे।

फैक्ट फाइल

- 350 : बैंक शाखाएं हैं जिले में

- 140 : बैंक शाखांए हैं शहर में

- 300 : करोड़ का ट्रांजेक्शन होता है प्रतिदिन

- 3000 : कर्मचारी हैं शहर की बैंकों में

- 4500 : से भी अधिक कर्मचारी हैं जिले की बैंकों में