Shocked रह गए

संजय गुप्ता सुरेश शर्मा नगर में रहते हैं। उनका बटलर प्लाजा में कंप्यूटर एड के नाम से शोरूम है। संजय का सिविल लाइंस की ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की ब्रांच में करंट अकाउंट है। उनके अकाउंट की क्रेडिट कैश लिमिट 25 लाख रुपए है और वह 24 लाख रुपए ले चुके हैं। संजय ने बताया कि वेडनसडे को लोन मैनेजर का फोन आया कि वह अपने कागज पूरे कर जमा कर दें। इस पर उन्होंने बिजी होने के चलते थर्सडे को जमा करने के लिए कह दिया। कुछ देर बाद बैंक मैनेजर का फोन आया कि उनके अकाउंट से 12,55,000 रुपए निकाल लिए गए हैं। यह सुनकर वह शॉक्ड रह गए। बैंक पहुंचे तो पता चला कि किसी ने उनके साइन कर एसएमएस अलर्ट बंद करा दिया है। यही नहीं दूसरी चेक बुक इश्यू कराकर पैसा निकाल लिया। उन्होंने तुरंत पुलिस को इंफॉर्म किया।

नंबर बदलने की application

पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि ट्यूजडे को किसी शख्स ने एक प्लेन पेपर पर ब्रांच मैनेजर के नाम अप्लीकेशन दी थी। उसमें लिखा था कि उसका ब्रांच में कंप्यूटर एड के नाम से अकाउंट है। उसका मोबाइल नंबर बदल गया है इसलिए अकाउंट में नया नंबर एड करें। अप्लीकेशन पर संजय गुप्ता के साइन भी थे। यही नहीं सिग्नेचर के पास फॉर कंप्यूटर एड के नाम की मोहर भी लगी थी। अप्लीकेशन की वजह से पहले वाले नंबर पर एसएमएस अलर्ट भी बंद हो गया।

चेक मांग पर्ची खो गई

ट्यूजडे को ही उस शख्स ने ब्रांच मैनेजर के नाम एक अप्लीकेशन और दी। इसमें लिखा था, हमारे पास से चेक मांग पर्ची खो गई है। आपकी बैंक में हमारा कंप्यूटर एड के नाम से करंट अकाउंट है। हमें जरूरी काम से 50 पन्नों की चेक बुक की आवश्यकता है। मांग पर्ची खो जाने से हम इसे आपको दिखा नहीं सकते, इसका हमें खेद है। कृपा कर पत्रवाहक को 50 पन्नों की चेक बुक इश्यू की जाए। इस अप्लीकेशन पर भी मोहर और साइन दो जगह थे। इस अप्लीकेशन पर ब्रांच मैनेजर ने दूसरी नई चेक बुक इश्यू कर दी।

साइन, एड्रेस व नंबर गलत

चेक देने के दौरान बैंक ने एक कागज पर साइन कराए, जिसमें उस व्यक्ति ने साइन किए और मोहर लगाई। इसके अलावा इस पर दो अलग साइन भी किए गए और एक एड्रेस और नंबर भी लिखा गया, जो गलत है। इस पर कई वेंडर व सप्लायर को कैश पेंमेंट करने की बात भी लिखी गई है।

Monday को वह भी गए थे

संजय गुप्ता ने बताया कि मंडे को वह ब्रांच में गए थे। उन्हें अकाउंट से 1,15,000 रुपए निकालने थे लेकिन क्रेडिट लिमिट व कुछ कागज जमा न होने के चलते मना कर दिया गया था। उनका कहना है कि क्रेडिट लिमिट पर कस्टमर की नीड के हिसाब से बैंक 10 परसेंट एक्स्ट्रा रकम दे सकती है लेकिन इतनी बड़ी रकम नहीं। उनका आरोप है कि चेक बुक और कैश ब्रांच के चीफ मैनेजर राजन कोहली व कैशियर रजनीश की देख-रेख में इश्यू हुई है। इसमें उनकी लापरवाही है।

बैंक में पहले भी हुई है ऐसी लापरवाही

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से जुड़ा यह कोई पहला मामला नहीं है। ठीक दो दिन पहले कोतवाली में बैंक मैनेजर व क्लर्क के खिलाफ नकली नोट भेजने की एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा अप्रैल में इसकी डीडीपुरम ब्रांच में भी कुछ इस तरह का केस सामने आया था। उस वक्त चेक बुक इश्यू कराकर 40 हजार रुपए निकालते हुए एक शख्स रंगेहाथों पकड़ा गया था।

'प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में मामला बैंक फ्रॉड का निकला है। इसमें कहीं न कहीं बैंक स्टाफ की मिलीभगत सामने आ रही है। एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जाएगी.'

-त्रिवेणी सिंह, एसपी सिटी

'बैंक से रकम निकाली गई है। बैंक स्टाफ मिला है यह नहीं कह सकते। हां इतना जरूर है कि लापरवाही हुई है। इंटरनल जांच कराई जाएगी.'

-एके छाबड़ा, एजीएम,

-ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स