बरेली (ब्यूरो)।अपने सिटी को स्मार्ट बनाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। इस कोशिश का ही एक हिस्सा है पटेल चौक, जहां पर इन दिनों स्काई वॉक का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। इस पर 11.34 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद यहां पैदल चलने वाले लोग चौराहे पर गए बिना बरेली कॉलेज रोड, हनुमान मंदिर, चौकी चौराहा व चौपुला की ओर सुगमतापूर्वक आ-जा सकेंगे। स्काई वॉक के नाम बनाए जा रहे इस ढांचे को लेकर बरेलियंस में उत्साह के बजाय आक्रोश का माहौल अधिक है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक ऐसी पोस्ट से इस बात की पुष्टि हो रही है। फेसबुक पर एडवोकेट पंकज उपाध्याय नाम से बने अकाउंट से ऐसी ही एक पोस्ट की गई है, जिस पर बरेलियंस ने तरह-तरह के कमेंट्स किए हैं। इसमें किसी ने स्काईवॉक को पटेल चौक पर बनाना गलत बताया तो किसी ने रुपए की बर्बादी बताई है।

यह लिखा है पोस्ट पर
इस एफबी पोस्ट में लिखा गया है कि इन दिनों बरेली के पटेल चौक पर टीम और स्टील का एक विशालकाय ढांचा खड़ा किया जा रहा है। इसे स्काईवॉक का नाम दिया गया है, लेकिन आज जब इस पर छत पडऩा शुरू हुई तो पता चला कि यह रेलवे के फुट ओवर ब्रिज की तरह बनाया जा रहा है। क्योंकि स्काईवॉक का ये कांसेप्ट है ही नहीं। किसी भी स्काई वॉक में पारदर्शी फाइवर ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसे देखकर लग रहा है कि यह टीन की सुरंग बनाई जा रही है। इसकी अनुमानित लागत भी 15 करोड़ बताई है।

अफसरों से किया अनुरोध
सोशल साइट पर ट्वीट करने वाले एडवोकेट ने मेयर डॉ। उमेश गौतम और नगर आयुक्त से निवेदन किया है कि इसे तुरंत रोका जाए वरना शहर का यह प्रमुख चौराहा खूबसूरत होने के बजाय जंक यार्ड बन जाएगा। उन्होंने लिखा है कि बरेली के कुछ प्रबुद्ध व्यक्तियों को मेंशन टैग कर रहा हूं। शायद बात समझ में आ जाए अधिकारियों की।

लोगों के आए कमेंट्स
पंकज : गर्मी के दिनों में तंदूर की भट्टी बन जाएगी साथियों। इससे कम पैसों में सेटेलाइट फ्लाईओवर को वाई शेप नहीं किया जा सकता था। इसको अधिक शेयर करें ताकि बदसूरत दाग लगने से बचे।

राजेश अग्रवाल: स्मार्ट सिटी के जरिए पैसों की खुली लूट है। यहां पर फ्लाईओवर बन जाता, मगर स्काई वॉक ही बनना था तो पीपी मोड़ पर बनाया जाता।

विष्णु शर्मा: आपकी बात से पूर्णत: सहमत हूं, ऐसे व्यस्तम चौराहा पर जगह और पैसे की पूरी तरह बर्बादी है।

सचिन: वैसे भी छोटे चौराहे के बजाए इसको चौकी चौराहा पर बनाया जाता तो कुछ महत्व रहता इसका, क्रॉसिंग आसान हो जाती।

राज माथुर: आपने जगाने का प्रयास किया इसके लिए साधुवाद, लेकिन जो कमीशन लेकर मूर्छित पड़े हों उन तक आपकी बात नहीं पहुंच पाएगी क्योंकि इन लोगों ने पूरा शहर बर्बाद कर दिया।

योगेन्द्र शर्मा: क्या कुछ भी भाई यह स्काईवॉक का नहीं, स्काई भाग का कॉन्सेप्ट है। जब आप इस पर खड़े होकर ऊपर को देखेंगे तो स्काई भाग अर्थात नदारद हो जाएगा। यह आधुनिकतम खोज है।

वारुणेश कुमार: बड़ा खेल हैमैं देख रहा हूंजगह जगह ग्रेनाइट के पत्थर की गमले लगाए गए हैं। आसमाजिक तत्व उखाड़ ले गए। हार्टमैन कॉलेज रोड, जो काफी समय से उखड़ी पड़ी है। उस पर ध्यान नहीं है।

रवि: धन की बर्बादी तो कोई हमारे मेयर साहब से सीखे, यह जो ड्रामा सेट बन रहा है यह बनेगा स्मैकियों का और छेड़छाड़ अड्डा।
संजीव अग्रवाल: यहां पर सभी जन प्रतिनिधि शांत है।

सफदर हुसैन: मुझे तो इसकी मजबूती में भी कमी महसूस होती है तो गाड़ी किसकी दुकान पर खड़ी करेंगे।

पटेल चौक पर जो स्काईवॉक बनाया जा रहा है, वह जिस कांसेप्ट पर बनाया जाना था, उस ही तरह से बनाया जा रहा है। इस पर क्योसक भी बनाया जाएगा, जहां पर रेवेन्यू जेनरेट होगा। बरेलियंस के घूमने-फिरने के लिए यह बेहतर जगह होगी।
-निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त बरेली