बरेली (ब्यूरो)। खुशियों और उल्लास का पर्व दीपावली रविवार यानि आज मनाई जाएगी। इस बार दो दशकों के बाद इस पर्व पर पंच शुभ राजयोग बन रहा है। इस कारण ही त्योहार का महत्व कई गुना बढ़ गया है। शास्त्रों के अनुसार घर में दीपावली पर दीप प्रज्वलन और पूजन प्रदोष काल की बेला में करना श्रेष्ठ कारी माना जाता है, क्योंकि दिन और रात की संयोग काल को ही प्रदोष काल कहते हैं। जहां दिन विष्णु का स्वरूप है तो वही रात मां लक्ष्मी का स्वरूप। इसलिए प्रदोष काल की बेला से ही घर दीपों रोशनी से जगमग हो जाना चाहिए।

दीपावली का पूजन
व्यापारी अपने प्रतिष्ठान दुकान, फैक्ट्री शोरूम, कारखाना आदि पर सुबह 9:17 बजे से पूजा शुरू कर सकते हैं। इस पर्व पर यूं तो पूरे दिन ही शुभ मुहूर्त है, पर दोपहर बाद 3:59 बजे से शाम 5:20 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस दौरान पूजा निषेध रहेगी।

राजयोग का संयोग
इस बार दीपावली पूजा पर बन रहे पांच राजयोग के साथ महालक्ष्मी, आयुष्मान, सौभाग्य गजकेसरी, केसरी, चांदी योग, हर्ष योग, काहल योग, उभयचारी योग, दुर्धरा योग भी है। यह दीपावली तुला राशिस्थ चंद्र तथा अर्ध रात्रि व्यापिनी अमावस्या युक्त होने से विशेषत: प्रशस्त रहेगी। बालाजी ज्योषित संस्थान के पं। राजीव शर्मा का कहना है कि शताब्दियो बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है।

स्वाति नक्षत्र भी रहेगा
रविवार को अमावस्या का योग है। इस दिन चतुर्दशी तिथि सूर्योदय से लेकर अपराह्न 2:46 बजे तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। दीपावली पूजन हेतु धर्मशास्त्रीय मान्यता अनुसार प्रदोष काल मुख्य है। इसके अतिरिक्त इस दिन स्वाति नक्षत्र सूर्योदय से पूरे दिन और रात रहेगा। सूर्योदय काल से लेकर अपराह्न 4:24 बजे तक आयुष्मान योग, तत्पश्चात सौभाग्य योग आरम्भ होगा।

दीपावली का पूजन मुहूर्त
कुंभ लग्न-प्रतिष्ठान का पूजन मुहूर्त &कुम्भ लग्न&य में अपराह्न 1:20 बजे से लेकर 2:45 बजे तक शुभ। इसी समय शुभ का चौघडिय़ा भी अपराह्न 1:24 बजे से 2:45 बजे तक रहेगा।

प्रदोष काल-रविवार को शाम 5:35 बजे से लेकर रात्रि 7:55 बज़े तक प्रदोष काल व्याप्त रहेगा। शाम 5:39 बजे से वृष लग्न विशेष शुभ रहेगा। शुभ की चौघडिय़ा भी रात्रि 7:08 बजे तक रहेगी। इसके बाद अमृत की चौघडिय़ा भी रात्रि 8:09 बजे तक रहेगी।

प्रदोष काल में दीपदान, महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बहीखाता पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन करना शुभ रहेगा।

निशीथ काल-रविवार को बरेली के आसपास में रात्रि 8:05 बजे से 10:42 बजे तक निशीथ काल रात्रि रहेगी।

निशीथ काल में मिथुन लग्न रात्रि 9:48 बजे तक, कर्क कर्क लग्न देर रात 12:11 बजे तक रहेगी। निशीथ काल में भी अमृत तथा चर की चौघडिय़ों का समावेश रहेगा। अत:

महानिशीथ काल- रात्रि 10:51 बजे से अर्ध रात्रि 1:33 बजे तक महानिशीथ काल रहेगा। इस अवधि में काली उपासना, अनुष्ठान आदि करने चाहिए।

सिंह लग्न- 13 नवंबर रात्रि 12:11 बजे से लेकर रात्रि 2:31 बजे तक रहेगा।

यह भी रखें ध्यान
दीपावली की रात पूजा के बाद घर के प्रत्येक कमरे में शंख बजाएं, इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

दीपावली के दिन किसी गरीब सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री दान दें, इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

लक्ष्मी जी को घर मे बनी खीर का भोग लगाएं,

पूजन स्थल पर आम के पत्तों का बंदनवार लगाएं, बरगद के पांच और अशोक वृक्ष के तीन पत्ते भी लगाएं।

दीपावली की रात को पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती न करें।

दीपावली के दिन तिजोरी में प्राणप्रतिष्ठित कुबेर यंत्र रखें। ऐसा करने से धनागमन होता रहता है।