बरेली (ब्यूरो)। दिल्ली में जेपी नड्डा की कार चोरी करने वाला गैंग पूरी तरह हाईटेक ढंग से वाहनों की चोरी करता है। पुलिस की पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर ये गैंग विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए प्रदेश के कई जिलों के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड से करीब 150 लग्जरी कार्स इस सॉफ्टवेयर की हेल्प से ही चोरी कर चुका है। इनमें बरेली की एक फॉरचूनर और दो क्रेटा भी शामिल है। वह चोरों ने एक ही रात में चोरी की थी। चोरी की गाडिय़ों के नंबर बदलकर चोरों ने कई प्रदेशों में अलग-अलग जगह पर बेच दी। इसकी तलाश में बारादरी पुलिस की चार टीमें लगी हुई हैं।

तोड़ते हैं कार का शीशा
सेटेलाइट से गिरफ्तार हुए फारूख बारादरी पुलिस को पूछताछ में बताया था, कि कार चोरी करने के लिए पहले से ही पूरी प्लानिंग कर ली जाती है। गैंग सबसे पहले कार का कोटर ग्लास तोड़ता है। इसके बाद कार का गेट खेलने के बाद वह कार में बैठकर टैब लगाकर कार को स्टार्ट कर लेते है। कार चोरी कर फरार हो जाते है। बारादरी में तैनात एसआई अनूप सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस से संपर्क करने पर पता चला है कि वह शिवांशु त्रिपाठी पूछताछ में बताया कि वह लग्जरी कार को ही चोरी करते है।

एक में क्रेटा, तीन लाख फाच्र्यूनर
बारादरी पुलिस को पता चला कि दिल्ली पुलिस को पूछताछ में शिवांशु त्रिपाठी ने बताया, कि आरोपित सबसे ज्यादा क्रेटा व फारच्यूर्नर कारों को चोरी करते थे। आरोपित एक लाख में क्रेटा और तीन लाख में फाच्र्यूनर कार बेचते थे।

150 कार कर चुके हैं चोरी
पुलिस को पता चला है कि अब तक गैंग देश में अलग-अलग प्रदेश और जनपदों से करीब 150 गाडिय़ों चोरी कर बेच चुका है। दिल्ली और बारादरी पुलिस गैंग की पूरी कुंडली खंगाल रही है।

फारूख की गिरफ्तारी इत्तेफाक या साजिश
बता दें कि बीते बुधवार की रात जोगी नवादा चौकी पर तैनात एसआई अनूप सिंह ने सेटेलाइट से फारूख को एक चोरी की क्रेटा के साथ गिरफ्तार किया था। बारादरी पुलिस ने दावा किया था कि पूछताछ में आरोपित ने कबूल किया था कि 29 फरवरी की रात बारादरी थाना क्षेत्र से चोरी हुई तीन लग्जरी कार की थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपित फारुख को जेल भेज दिया था। इस मामले में बारादरी पुलिस ने एसआई अनूप सिंह की ओर से फारूख, उसके ससुर शाहिद मोटा, पत्नी सना, नेक मोहम्मद, सैकुल अहमद खान, शिवांशु त्रिपाठी और रजत वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अचानक बरेली में फारूख की गिरफ्तार और उसे आनन-फानन में जेल भेजना पुलिस की भूमिका पर सवाल तो उठाता ही है। यह भी चर्चा होने लगी है, कि फारूख ने किसी साजिश के तहत अपने आप को गिरफ्तार नहीं कराया है। पुलिस महकमे में ही चर्चा है कि दिल्ली पुलिस से बचने के लिए फारूख खुद साजिश के तहत अरेस्ट हुआ है। तो वहीं कुछ लोग इसको इत्तेफाक भी बता रहे है। लेकिन इस मामले में फारूख की गिरफ्तारी और उसे जेल भेजने तक से अब तक पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

फारूख के अलावा फरार चल रहे अन्य आरोपितों को तलाश किया जा रहा है। चार टीमें इस मामले विवेचना कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अनीता चौहान, सीओ थर्ड