नाथ नगरी बरेली भी आने वाले समय में अयोध्या, वाराणसी और मथुरा की तरह ही धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में विशेष पहचान कायम करेगी। इसके लिए यहां भी बनारस के बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर और अयोध्या के राम पथ की तरह ही नाथ कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। नाथ नगरी के इस विशेष प्रोजेक्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी खासी रुचि है। इसको उन्होंने वेडनेसडे को बरेली में ही अपनी जनसभा में जाहिर भी किया। उन्होंने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देकर ही बरेली आएं हैं और अब इसके लोकार्पण को भी आएंगे।

धरोहरों को सहेजना, संवारना जरूरी
सरकार हर शहर के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने और उन्हें विकसित करने पर खासा जोर दे रही है। नाथ मंदिर बरेली की पहचान भी हैं और यहां की धरोहर भी। इनको सहेजने और विकसित करने के लिए कमिश्नर सौम्या अग्रवालन ने नाथ कॉरिडोर की परिकल्पना की। इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए बीडीए ने इसकी डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी। इसके बाद कमिश्नर और बीडीए वीसी ने ही मुख्यमंत्री के सामने इसका प्रजेंटेशन पेश किया। तब मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को सराहा और बाद में इसको मंजूरी भी दे दी। वेडनेसडे को बरेली के दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने बरेली क्लब में जनसभा की। उन्होंने इस सभा में नाथ कॉरिडोर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी पहचान को कायम नहीं रखेंगे तब तक समृद्ध नहीं हो सकते। नाथ मंदिरों से ही बरेली की पहचान है और नाथ कॉरिडोर इस पहचान को नई बुलंदियों तक पहुंचाएगा।

समय से पूरा हो निर्माण
बरेली क्लब में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जिन परियोजनाओं को शुरू करते हैं उन्हें निर्धारित समय में पूरा भी कराते हैं। बरेली में नाथ कॉरिडोर भी निर्धारित समय में पूरा होगा और वह इसका लोकार्पण भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने जनसभा के बाद सर्किट हाउस में जिले की विकास परियोजानाओं की समीक्षा भी की। इसमें उन्होंने कमिश्नर सौम्या अग्रवाल और दूसरे अधिकारियों के साथ नाथ कॉरिडोर के बारे में चर्चा की। उन्होंने यहां इस कॉरिडोर के ले आउट प्लान को भी समझा और इसके मॉडल को भी देखा। इस दौरान भी उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कॉरिडोर का निर्माण समय से पूरा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो कॉरिडोर बन रहा है, उसमें सभी धार्मिक पहलुओं का ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि परिक्रमा पथ और मंदिरों में श्रद्धालुओं से जुड़ी हर सुविधा का ध्यान रखा जाए।

32.50 किमी। का परिक्रमा पथ
शहर के सात नाथ मंदिरों को जोडऩे के लिए नाथ कॉरिडोर का प्लान तैयार किया है। इस प्लान के जरिए सभी मंंदिरों को फोर लेन सडक़ से जोड़ा जाएगा। यह परक्रिमा पथ कुल 32.50 किलोमीटर का है।

परिक्रमा पथ दूरी
तपेश्वरनाथ से मणिनाथ 2.50 किलोमीटर
मणिनाथ से अलखनाथ- 3.70 किलोमीटर
अलखनाथ से त्रिवटीनाथ 3.40 किलोमीटर
वटीनाथ से वनखंडीनाथ 6.50 किलोमीटर
वनखंडीनाथ से पशुपतिनाथ 3.10 किलोमीटर
पशुपतिनाथ से धोपेश्वरनाथ 7.50 किलोमीटर
धोपेश्वरनाथ से तपेश्वरनाथ 5.80 किलोमीटर