बरेली (ब्यूरो)। अक्सर विवादों में घिरे रहने वाला मेधांश अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में लापरवाही बरतने में अस्पताल की एमडी डॉ। मंृदा जौहरी, डॉ। हिमांशु वर्मा और डॉ। किमि बंसल पर एफआईआर हुई है। इसके बाद सुभाषनगर पुलिस ने मामले की विवेचना भी शुरू कर दी है।

10 अक्टूबर को हुई थी मौत
कैंट थाना क्षेत्र के चनेहटी गांव के रहने वाला अंकुर कुमार मजदूरी करता है। उसने अपनी गर्भवती पत्नी प्रियंका को चार अक्टूबर को बदायंू रोड स्थित मेधांश अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने प्रियंका का छह अक्टूबर को ऑपरेशन किया। इस दौरान महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया था। इसके बाद से ही प्रियंका की हालत बिगड़ गई और दस अक्टूबर को उसकी भी मौत हो गई। जच्चा-बच्चा की मौत के लिए परिजनों ने डॉक्टरों को ही दोषी ठहराया। उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था।

उत्पीडऩ का लगाया आरोप
पत्नी की मौत के बाद पति अंकुर ने आरोप लगाया कि तीनों डॉक्टरों ने उसका और उसके परिवार का उत्पीडऩ किया। उन्होंने डॉक्टरों से क्या उपचार किया था, इसकी जानकारी मांगी, पर डॉक्टरों ने उपचार की जानकारी देने से भी इंकार कर दिया था। इसके बाद अंकुर ने डीएम रविन्द्र कुमार और सीएमओ विश्राम सिंह से इस मामले की शिकायत की थी।

जांच में पाए गए दोषी
जच्चा और बच्चा की मौत के मामले में शिकायत मिलने पर डीएम ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर उसे जांच सौंपी गई थी। टीम ने अपनी जांच में लापरवाही की बात को सच पाया और रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी। इसके बाद इस मामले में सुभाषनगर थाने में मेधांश हॉस्पिटल की एमडी मृंदा जौहरी, डॉ। हिमांशु वर्मा और डॉ। किमि समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर हुई है। इस मामले में सुभाषनगर थाना इंस्पेक्टर मदन मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि हॉस्पिटल के खिलाफ मिली शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

अभी जांच पूरी नहीं हुई है। एनएमसी की रिपोर्ट आना बाकी है। हम दोषी नहीं हैं। विवेचना में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
डॉ। मृंदा जौहरी, एमडी मेधांश हॉस्पिटल