BAREILLY:

हौंसले, हिम्मत और बहादुरी की मिसाल कायम कर शहीद हरिओम ने बरेली को गर्वान्वित कर दिया है। देश का अमन चैन छीनने वाले पाकिस्तान का मुकाबला करते हुए हरिओम ने प्राणों की आहूति दे दी थी। पति की शहादत को याद करते हुए पत्‍‌नी और बच्चों की आंखें नम हुई, लेकिन देश सेवा में समर्पित होने पर वह गर्व से फूले नहीं समाते। शहीद हरिओम को शौर्य, पराक्रम और बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

देश पर कुर्बान होने का था जुनून

शहीद हरिओम की पत्‍‌नी गुड्डू देवी ने बताया कि पढ़ाई के दौरान हरिओम में देश सेवा का जुनून सवार हो गया था। पढ़ाई के दौरान ही शहर स्थित जाट रेजीमेंट सेंटर में सुबह टहलने के लिए वह पैदल जाते थे। जेआरसी का माहौल देखकर उन्होंने भी सेना में भर्ती होने का ख्वाब देखा। जबकि हरिओम के पिता इस सपने के खिलाफ थे। पिता की बातों को दरकिनार कर उन्होंने एनसीसी ज्वॉइन की। शादी के दो महीने बाद ही सेना में भर्ती हो गए। समर्पण, अनुशासन और बहादुरी को देखते हुए पदोन्नति हवलदार पद पर हो गई।

एथलीट थे हरिओम

सैनिक पद पर सेना में भर्ती होने वाले हरिओम में युद्ध कौशल जबरदस्त था। उधमपुर में ट्रेनिंग के दौरान हरिओम करीब 40 किमी। तक लगातार दौड़ लेते थे। जिसे देखकर उनका सेलेक्शन स्पेशल आ‌र्म्ड फोर्सेज में हो गया। फिर बंगलुरू पैराशूट रेजीमेंट 7 पारा एसएफ में ज्वॉइनिंग दी गई। इसके बाद उनका प्रमोशन कमांडो पैराशूट पर हो गया। देश की रक्षा के लिए सेना में दी गई सेवाओं के लिए कई मेडल्स से नवाजा गया था। उन्हें स्पेशल सैनिक मेडल, सियाचिन ग्लेशियर मेडल, हाई एटीट्यूड मेडल, विंड मेडल, 9 इयर्स लांग सर्विस मेडल, 50वीं इंडिपेंडेंट एनीवर्सरी मेडल मिले थे।

सफर ऑपरेशन 'विजय' का

सेना से मिली जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन विजय में दुश्मनों से लड़ते हुए हरिओम को दाहिने हाथ और पैर में गोलियां लगी। टीम में 13 लोग ही थे, ऐसे में गोलियां लगने के बाद भी टीम कमजोर न हो यह सोचकर वहीं डटे रहे। आखिर में पाकिस्तान की गोलीबारी का सामना करते हुए वतन पर कुर्बान हो गए। कारगिल शहीद हरिओम की पत्‍‌नी गुड्डू देवी ने पति की स्मृतियों को सहेजकर रखने का हर संभव प्रयास किया। बदायूं स्थित पैतृक संपत्ति में मिली 4 बीघा जमीन में पार्क का निर्माण करवाया है। शहीद हरिओम की स्मारिका के तौर पर पार्क के बीच में मूर्ति भी लगवाई है।

शहीद हरिओम - जन्म - 20 अगस्त 1968

निधन - 1 जुलाई 1999