बरेली (ब्यूरो)। लगातार कार्रवाई के बाद भी पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे है। जनवरी से अब तक कुल 13 लोग गिरफ्तार हो चुके है। जिसमें एक महिला इंस्पेक्टर भी शामिल है। बावजूद इसके कुछ रुपए के लिए सरकारी कर्मचारी अपनी नौकरी और मान सम्मान को दावं पर लगा रहे है। वेडनेजडे को प्रेमनगर में एक दरोगा 50 हजार की रिश्वत लेता हुआ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। दरोगा रामऔतार ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मुकदमे से नाम निकालने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी। जिसकी पहली ही किस्त की में 50 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथ दरोगा दबोच लिया गया है। आरोपित दरोगा के खिलाफ कैंट में थाने में मामला दर्ज कराकर उसे जेल भेज दिया गया।

किला में हुई थी एफआईआर

बता दें कि किला थाने में इसी साल अप्रैल में हरीश चंद्र अग्रवाल ने धोखाधड़ी और जालसाजी की एफआईआर अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई थी। वादी का आरोप था कि अज्ञात आरोपितों ने उनके और उनके मृतक भाई ग्रीस चंद्र के नाम से एक बैंक में एक खाता खोला और उनके और उनके भाई के नाम से किसी ने फर्जी इकरारनामा भी कर दिया। जब उन्हें इस बात का पता चला कि उनके और भाई के नाम से फर्जी खाता चल रहा है। तो उन्होने बैंक में जाकर संपर्क किया। इस दौरान उन्हे पता चला कि उनके खाते से दो लाख रुपये का लेनदेन भी किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने अप्रैल में इस मामले में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

ट्रांसफर की थी विवेचना

किला में एफआईआर होने के बाद इस मामले में किला पुलिस से विवेचना बदलने के लिए एसएसपी से मांग की गई थी। मांग पर एसएसपी ने प्रेमनगर थाने को विवेचना भेज दी थी। जहां इस मामले की विवेचना प्रेमनगर में तैनात दरोगा रामऔतार को दी गई थी। विवेचना में रामऔतार मुकदमे में दो लोग रेखा और उमेश समेत अन्य का नाम सामने आया था।

दो के मागें थे 5 लाख

धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में रेखा और उमेश का नाम निकलाने के लिए दरोगा ने पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोप है कि दोनों को पर लगातार पैसों के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस पर दोनों विजिलेंस टीम से आरोपित दारोगा रामऔतार की शिकायत की। इसके बाद विजिलेंस से ट्रैप टीम का गठन कर ट्रैप सेट किया।

पहली किस्त लेते गिरफ्तार

दारोगा रामऔतार ने रेखा और और उमेश को लगातार धमका रहा था, कि अगर विवेचना में एक बार नाम खुल गया। तो पूरी जिंदगी खराब हो जाएगी। आनने मान सम्मान की चिंता छोडक़र दोनों को समाजिक डर भी दिखा रहा था। इस दौरान तय हुआ है कि दोनों शिकायतकर्ताओं से पांच लाख रुपये देंगे। जो 50-50 हजार रुपये की किस्तों में दिए जाने थे। इसकी पहली किस्त नरियावल स्थित अपने घर पर मंगाई थी। टीम भी पीडि़त के साथ पहुंच गई। इस दौरान जैसे ही आरोपित दारोगा ने 50 हजार रुपए अपने हाथ में लिए तो टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद टीम उसे दबोच कर कैंट थाने ले आई। जहां आरोपित के खिलाफ मामला दर्जकर कार्रवाई शुरू कर दी गई।