बरेली (ब्यूरो)। माइग्रेन का दर्द कितना तकलीफ देय होता है, यह वही जान सकता है जो इससे ग्र्रसित होता है। माइग्रेन का दर्द कई बार तो पूरे दिन या कई दिनों तक भी सहना पड़ता है। इस दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर मेडिसन की हैवी डोज लेनी पड़ती है, जो लंबे समय तक लेने से कई और फिजिकल प्रॉब्लम की वजह बन जाती है। माइग्रेन का दर्द सिर के आधे भाग में होता है। इससे सिर में असहनीय दर्द होता है और चक्कर आने के साथ ही उल्टी तक होने लगती है। मेडिसन से बेशक माइग्रेन के दर्द में कुछ राहत मिल जाती हो, पर यह दवा डॉक्टर की सलाह के बिना ही ले लेना खतरनाक भी हो जाता है। इन दिनों मोबाइल यूजर कॉलिंग और म्यूजिक सुनने के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करते हैं। लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से टीन एजर्स और बच्चों तक को माइग्रेन की प्रॉब्लम हो रही है।


हेडफोन और चश्मा शामिल
सिरदर्द किसी भी प्रकार के हेडवियर के कारण होता है। इसमें ऐसे हेडवियर शामिल हैं जो सिर पर दबाव डालते हैं, जिसमें टाइट कैप, हेलमेट, हेडबैंड, विग, हेडफोन और चश्मा शामिल हैं। सिर दर्द के इन कारणों में इन दिनों हेडफोन ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। यूथ और बच्चों में इसका असर भी दिखाई दे रहा है।

इलेक्ट्रोमैग्निटिक वेव खतरनाक
इयरफोन या हेडफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स हमारे माइंड को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। इसके अलावा तेज म्यूजिक की वजह से भी माइंड की कोशिकाओं की ऊपरी लेयर डेमेज हो जाती है, जिससे कान और दिमाग का कनेक्शन कमजोर हो जाता है। इससे कई समस्याएं हो सकती हैं।

नसों को होता है नुकसान
कान में सीधे तेज आवाज जाने से कान की उन नसों को नुकसान पहुंच रहा है जो दिमाग से सीधे जुड़ी होती हैं। इसकी वजह से माइग्रेन, सिर दर्द व चक्कर आने की समस्याएं बढ़ रही हैं। जो लोग पहले से चक्कर आने की समस्या से परेशान हैं, ईयरफोन से उनकी समस्या और बढ़ जा रही है।

सुनाई देती है अलग ध्वनि
हेडफोन या इयरफोन लगाकर तेज आवाज मेें सुनने से कान में दर्द और इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कानों के भीतर नजदीक से तेज संगीत और आवाज पहुंचने से बहरापन और टिनिटस की प्रॉब्लम हो सकती है। कान में गुंजन या किसी अतिरिक्त ध्वनि के अनुभव करने को टिनिटस कहते हैं।


माइग्रेन का कारण
- ज्यादा कैफीन (टी-कॉफी) लेना या खाना कम लेना
- तनाव, अनिद्रा या नींद पूरी ना होना
- हॉर्मोन स्तर में परिवर्तन
- यात्रा या मौसम में परिवर्तन
- दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा प्रयोग


बचाव के घरेलू नुख्से
- दर्द होने पर सिर की हल्की मालिश करें
- एक तौलिये को गर्म पानी में डुबोकर दर्द वाले हिस्से पर सिकाई करें
- ठंडी सिकाई के लिए बर्फ के टुकड़ों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
- संतुलित आहार व संतुलित दिनचर्या का पालन करें
- दिन में कम से कम 12 से 14 गिलास पानी जरूर पिएं

इनका रखें ध्यान
- ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरपी का भी सहारा ले सकते हैं

- भूखे रहने पर भी यह दर्द बढ़ सकता है, इसलिए ज्यादा देर तक भूखे न रहें
- काम करने वाली जगह पर तेज रोशनी, तेज धूप या तेज गंध होने से भी यह परेशनी होती है, इससे बचें

- माइग्रेन से ग्रस्त रोगी को जंक फूड और डिब्बा बंद आहार से परहेज करना चाहिए
- पनीर, चॉकलेट, चीज, नूडल्स और केले में ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं

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-हॉस्पिटल आने वाले कई ऐसे टीनएजर्स और यूथ में माइगे्रन की समस्या आ रही है। जब उनकी काउंसलिंग की जाती है तो पता चलता है कि हेडफोन और इयरफोन अधिक यूज करने के कारण यह समस्या आती है।
डॉ। आशीष, मनोचिकित्सक
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यह है लक्षण
-माइग्रेन के चेतावनी लक्षणों में कब्ज, मूड में बदलाव, खाने की लालसा, अधिक प्यास लगना और पेशाब आना शामिल हैं।
-माइग्रेन का दौरा आमतौर पर लगभग 4 से 72 घंटों तक रहता है।
-माइग्रेन का दौरा तनाव, कुछ खाद्य पदार्थों या तेज आवाज से शुरू हो सकता है।
-तनाव सिरदर्द सभी आयु वर्ग के लोगों में हो सकता है लेकिन आमतौर पर महिलाओं में देखा जाता है

दोस्त से इयरफोन न मांगें
इयरफोन, इयर बड्स या हेडफोन की शेयरिंग से कान में बैक्टीरिया या फंगस की वजह से दर्द और कई बीमारियां हो सकती हैं। अगर दूसरों के इस्तेमाल वाली इन चीजों का खुद इस्तेमाल करने से पहले इनको सैनिटाइज करें।

कम इस्तेमाल करें इयरफोन
जितना कम हो सके उतना कम इयरफोन इस्तेमाल करें। प्रोफेशन की वजह से इयरफोन या हेडफोन इस्तेमाल करना पड़ता है, तो बेहद कम आवाज में और कम समय के लिए इसे इस्तेमाल करें। कभी भी 50 मिनट से ज्यादा लगातार हेडफोन, इयर बड्स या इयरफोन लगातार ना लगाएं। एक बार कान में कोई दिक्कत हो गई तो किसी भी सर्जरी से या किसी भी तरह इसे ठीक नहीं किया जा सकता है।