बरेली (ब्यूरो)। सर्दियों में कई तरह की बीमारियां तेजी से एक्टिव हो जाती है। इनमेंं से ही एक फंगल इंफेक्शन भी होती है, जो लोगों की लापरवाही से एक-दूसरे में भी फैल जाता है। इसकी वजह से बॉडी में लाल-लाल चकत्ते पड़ जाते हैैं। यह काफी परेशानीदायक होता है। कई बार लोग इसे नॉर्मल समझ कर इसका इलाज भी नहीं कराते हैैं। ऐसा करना लोगों को भारी पड़ सकता है। हर रोज इसके मरीज बढ़तेे ही चले जा रहे हैैं।

आ रहे कई मरीज
मौसम चेंज होने के साथ-साथ फंगल इंफेक्शन के खतरा लोगों पर भी दिखने लगा है। हर रोज डिस्ट्रिक अस्पताल में कम से कम 25 से 30 मरीज आते हैैं। उन सब में यहीं प्रॉब्लम पाई जाती है। फंगल संक्रमण में बॉडी पर रेड-रेड चकत्ते के साथ खुजली होती है। इसे कॉमन लैैंग्वेज में दाद भी कहते हैैं, जो कि टेम्प्रेचर के चेंज होने के साथ होता है।

कैसे होता है इन्फेक्शन
फंगल इन्फेक्शन का साइटफिक लैैंग्विज में टीनिया कहते हैैं। जैसे बैक्टेरिया, वायरस होते हैैं, वैसे ही फंगस भी एक कीटाणु होते है, जो बाहर के वातावरण स्किन की परतों में फंगल इंफेक्शन होता है। इस फंगस के लिए हमारी बॉडी में प्रेजेंट नमी, प्रोटीन फंगस को न्यूट्रीशन प्रोवाइड करता है। कई बार इसकी होने की वजह से लोग सोचने लगते हैैं कि ब्लड इंफेक्ट हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। यह इंफेक्शन सिर्फ बाहरी परत पर ही रहता है।

कॉमन फंगल इंफेक्शन
फंगल इंफेक्शन कॉमंली चार तरह के होते है, जो आम लोगों में आसानी से मिल जाते हैैं।
-कैंडिडा
-क्रिप्टोकॉकस
-आस्परगिलॉसिस
-म्यूकरमाइकॉसिस
-हिस्टोप्लाज्मॉसिस

खुद से न लें दवाई
कई बार लोग खुद को ही डॉक्टर बना लेते हैैं या फिर एक दूसरे की सलह से ही दवाइयां ले लेते है, जो की बहुत ही नुकसानदायक होता है। बिना डॉक्टर की सलह के दवाई लेना कुछ टाइम के लिए तो फायदा देता है, लेकिन इसके बाद दाद को जन्म देता है। फंगल इंफेक्शन एक लॉन्ग टर्म प्रोसिस के बाद ठीक होता है। लोग सोचते है 10 से 15 दिन की दवाई ले लेने से ठीक हो जाएगा तो ऐसा नहीं होता है। कई बार जब इंफेक्शन बढ़ जाता है, तो नौबत यहां तक आ जाती है कि स्किन कमजोर हो जाती है और फटने लगती है।

क्या हैैं लक्षण
-स्किन पर रैशेज होना
-बॉडी में कई जगह पपड़ी पड़ जाना या खाल निकलना
-स्किन का लाल पड़ जाना
-स्किन में चकत्ते पड़ जाना
-स्किन में दरारे पडऩा

कैसे करें क्योर
लोग इसका इलाज प्रॉपर तरह से नहीं करते हैं। इस वजह से यह लोगों में बढ़ जाता है। लोगों को इसका क्योर पूरी तरह से करना चाहिए नहीं तो यह एक फैलने वाली बीमारी होती है। जो तेजी से सब में फैल जाती है। डॉ। दिव्या ने बताया कि उनके पास हर रोज ऐसे केस आते है कि घर में एक को था। इसकी वजह से दूसरे को भी हो गया। ऐसे में कुछ चीजें जरूर करें जिससे यह फैले नहीं।
-हाइजीन को मेंटेन रखना चाहिए
-नाखून छोटे रखें
-इंफेक्टिड परसन के संपर्क में आने से बचें
-कपडों को गर्म पानी से धुले व धूप में उल्टा करके सुखाएं
-रोज-रोज कपड़े बदले
-सुबह-सुबह नहाना के बाद बॉडी में मॉइश्चराइजर का यूज करें।
-साफ-सफाई से रहें
-नारियल के तेल का करें इस्तेमाल

लोग हाईजीन मेंटेन नहीं करते हैैं। इसकी वजह से लोग खुद तो इंफेक्टिड होते ही हैं और दूसरों को भी कर देते हैैं। लोगों को साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए।
डॉ। दिव्या, डर्मोटोलॉजिस्ट