बरेली (ब्यूरो)। ड्राइविंग ट्रेनिंग लेने के बाद लाइसेंस जारी हो, इसके लिए शहर में डीटीआई यानि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया गया था। वर्ष 2022 में इंस्टीट्यूट बनकर तैयार हो गया, लेकिन आज तक इसे शुरू नहीं किया जा सका। विकास भवन के पास बने इस डीटीआई में ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए ट्रैक भी तैयार कराया गया, लेकिन ट्रैक का यूज नहीं होने से यहां पर घास उग आई है। डीटीआई की बिल्डिंग को खाली देखकर यहां पर डीएल जारी करने का काम शुरू शुरू कर दिया गया है, जबकि बाकी फील्ड में घास उग आई है। इसे देखकर तो ऐसा लगता है कि जब इसकी जरूरत ही नहीं थी तो इसे बनाया ही क्यों गया।

अप्रैल में बिल्डिंग हुई शुरू
वर्ष 2022 में 11 अप्रैल से काष्ठ कला केंद्र में बने ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग में डीएल बनाने का काम शुरू किया गया था। अफसरों का कहना है कि डीटीआई को शुरू करने के लिए शासन स्तर से आदेश आने के बाद ही शुरू किया जाएगा। ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चालू होने के बाद फिलहाल यह एआरटीओ के अंडर कंट्रोल ही रखना था।

मिलनी थी राहत
एआरटीओ ऑफिस बरेली-लखनऊ राजमार्ग पर नकटिया के पास स्थित है। सिटी से इसकी दूरी करीब पांच किलोमीटर है। अब तक लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए शहर से पांच किलोमीटर की दूरी तय करके जाना पड़ता था। अब शहर में ही काष्ठ कला केंद्र में बने डीटीआई में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे लोगों के समय और पैसे की भी बचत होगी। इसके साथ ही ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू होना था ताकि डीएल बनाने से पहले उनको ट्रेंड भी किया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

निजी इंस्टीट्यूट्स की मनमानी
शहर में संचलित हो रहे लगभग 20 से अधिक मोटर ट्रेनिंग स्कूल के संचालक रुपए लेने के बाद कागजों में लोगों को चार पहिया वाहन चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। इन मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के पास सुविधाओं का भी अभाव है। ट्रेनिंग के लिए जो वाहन हैं, वे खटारा हैं। ऑटो पार्ट्स की जानकारी के लिए प्रैक्टिकल रूम भी नहीं है। ट्रेनिंग स्कूल में मात्र 10 दिन में ही ड्राइविंग में एक्सपर्ट बनाने का दावा कर उनसे रुपए ऐंठ लिया जाता है। इसके बाद उन्हें डीएल बनवाने के लिए सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। इसके लिए प्राइवेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ड्राइविंग के लिए सर्टिफिकेट देने के नाम पर पांच से छह सात हजार रुपए तक ऐंठ लेते है।

मानक पूरे होने चाहिए
-ट्रेनिंग देने वाला ड्राइवर आईटीआई पास, ऑटोमोबाइल या डिप्लोमा मैकेनिकल ऑटोमोबाइल किए हुए हो।
-कॉमर्शियल हैवी लाइसेंस कम से कम पांच साल पुराना हो।
-गाड़ी के आगे और पीछे बड़ा एल का निशान लगा हो।

ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को शुरू करने के लिए शासन स्तर से ही कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर से ही इसके लिए एजेंसी आदि नामित करने के लिए आदेश मिलेगा। उसके बाद ही इसे शुरू कराया जा सकता है। इसके लिए यहां से शुरू नहीं कराया जा सकता है। फिलहाल अभी बिल्डिंग में डीएल जारी करने का काम चल रहा है।
कमल प्रसाद गुप्ता, आरटीओ