- बरेली-सीतापुर रोड पर खर्च की बैंक करा रहा मॉनीट¨रग

- किस्त नहीं मिलने से धीमा हुआ था काम, अब प्रगति पर

BAREILLY:

पीपीपी मॉडल के तहत बन रहे बरेली-सीतापुर हाईवे पर धीमे हो चुके निर्माण कार्य की रफ्तार को बढ़ाने के लिए बैंक ने 515 करोड़ रुपए का लोन जारी कर दिया है। साथ ही, जारी फंड की मॉनीट¨रग के लिए कमेटी गठित की गई है। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक बैंक ने निर्माणदायी कंपनी को दिए कर्ज में से हुए खर्च के हिसाब-किताब के लिए एक टीम को लगा दिया है। बैंक की टीम कंपनी के कैंप कार्यालय पर रहकर उनके खर्चो की मॉनीट¨रग कर रही है।

दिया 515 करोड़ का लोन

बरेली-सीतापुर तक करीब 156 किलोमीटर मार्ग को फोरलेन करने के लिए करीब साढ़े सात सौ करोड़ रुपए की लागत बढ़ गई है। 5 वर्ष पहले हुए अनुबंध में प्रोजेक्ट की लागत करीब 1951 करोड़ रुपए थी। इसमें कंपनी ने बैंक से करीब 14 सौ करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत कराया था। कंपनी ने लोन लेकर काफी रकम सड़क पर लगा भी दी। लागत बढ़ने पर अब करीब 515 करोड़ रुपए का लोन बढ़ गया है। बैंक ने लोन बढ़ाने की मंजूरी कंपनी को दे दी है। बैंक ने कंपनी को दिए फंड की मॉनीट¨रग को टीम लगा दी है।

प्रोजेक्ट एक नजर में

- 22 जून 2010 को बरेली हाईवे प्रोजेक्ट कंपनी के साथ सड़क बनाने का अनुबंध

- 1046 करोड़ का था प्रोजेक्ट, बाद में प्रोजेक्ट की लागत में 900 करोड़ बढ़ा दिए गए।

- मार्च 2015 में एनएचएआई ने कंपनी के साथ 'सप्लीमेंटरी एग्रीमेंट' किया था।

- अब 27 सौ करोड़ रुपए का है प्रोजेक्ट, मई 2016 में बैंक ने 5 सौ करोड़ लोन किया मंजूर।

कार्य प्रगति

- निर्माणदायी कंपनी इरा ने करीब 103 किमी मार्ग पर कोलतार बिछा दिया है।

- 5 जिलों की सीमा से गुजरेगा 156 किमी लंबा मार्ग, 45 परसेंट काम पूरा।

- फरीदपुर में बन रहे 5 किमी लंबे बाइपास मार्ग पर जल्द बिछेगा कोलतार।

निर्माण कार्य के लिए बैंक ने बढ़ी रकम जारी कर दी है। साथ ही, कंपनी को दिए फंड की मॉनीट¨रग के लिए टीम बैठाई है।

अरुण चारी, डिप्टी मैनेजर, एनएचएआई