- वर्ष 1999 में तहसील सदर में तैनात हुआ, फिर शुरू हुआ 'गुंडाराज'

- कब्जा, मारपीट, धोखाधड़ी, वसूली के नाम पर सेटिंग के कई मामले दर्ज

BAREILLY:

राजस्व वसूली के लिए सदर तहसील पर तैनात एक संग्रह अमीन ने वसूली के नाम पर 'गुंडाराज' कायम कर लिया है। आमतौर पर संग्रह अमीन के पद पर बेदाग छवि वाले ऐसे लोगों को तैनाती दी जाती है, जो लोगों से शराफत से पेश आएं। लेकिन इस अमीन पर दर्जनों मुकदमे कायम होने के बाद भी कोई कार्रवाई की हिम्मत नहीं कर रहा। हाल ही, में तहसील दिवस में गुंडई का दूसरा नाम बन चुके इस संग्रह अमीन के खिलाफ मुकदमों की फेहरिस्त और कारगुजारियों के दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ शिकायत हुई तो अफसर भी हैरान रह गए। करीब एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों में चालानशुदा इस शख्स को हथियार लाइसेंस भी मिला हुआ है। उसके खिलाफ लाइसेंसी हथियार के दम पर लोगों को डरा-धमका कर प्रॉपर्टी पर कब्जे की शिकायतें भी हैं। दूसरी तरफ अगर सरकारी कामकाज में उसकी परफॉर्मेस देखी जाए तो पूरे विभाग में सबसे फिसड्डी है। गुंडागर्दी के खिलाफ कोई कार्रवाई करना तो दूर कोई जुबान खोलने तक को तैयार नहीं। आइए आपको बताते हैं तहसील कार्यालय का संग्रह अमीन आखिर कैसे बना गुंडा

गुंडई की यूं खुली पोल

थाना बिथरी चैनपुर के नरियावल निवासी इस सरकारी कारिंदे के गुंडाराज की शिकायत 7 जून को तहसील दिवस में तमाम प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुई है। उसके क्राइम रिकॉर्ड के साथ ही उसकी तमाम करतूतों का काला चिट्ठा तहसील दिवस में एक युवक ने अधिकारियों को सौंपा। तहसील दिवस में सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक मामलों की सूची देखकर एक बार तो अधिकारी हैरान हुए, फरियादी को कार्रवाई के आश्वासन देकर भेजा। अफसरों ने गोपनीय पड़ताल भी कराई तो सारे आरोप सच निकले, लेकिन फिर चला गंडई और सेटिंग का खेल। एक सप्ताह में शिकायत फाइल में दफन हो गई। चर्चा यह है कि उसने खुलेआम विभाग में कर्मचारियों को धमकाया कि कोई उसके खिलाफ जुबान खोलेगा तो उसकी खैर नहीं।

कैसे करता है खेल

सूत्रों ने बताया कि संग्रह अमीन सरकारी अधिकारों का नाजायज तरीके से इस्तेमाल कर जिसके खिलाफ वसूली के निर्देश होते है उन्हें डरा-धमकाकर जेल भेजने का ट्रेलर देता है। डरे सहमे लोगों से फिर मामला दबाने के नाम पर उनकी प्रॉपर्टी, कैश आदि नाजायज तरीके से हथिया लेता है, या फिर उनकी संपत्ति को ओने-पौने दाम पर हथिया लेता है। कई घरों पर तो वह अपने गुर्गे किराए पर रखकर वहां के एड्रेस पर गैस, बिजली व कनेक्शन के डॉक्यूमेंट बनवा लेता है। फिर कब्जे के लिए तहसील में अपने रसूखों का इस्तेमाल करता है और पीडि़त की कोई सुनवाई न होने पर उसे धमकाकर संबंधित संपत्ति बेचने का दबाव बनाकर कौडि़यों के भाव लाखों-करोड़ों की संपत्ति हथिया लेता है। संग्रह अमीन के इस कब्जे के अवैध खेल की जानकारी तहसील के अधिकारियों को भी है, लेकिन उसके खौफ में कोई जुबान नहीं खोलता।

संग्रह अमीन की गुंडागर्दी का रिकॉर्ड

साफ चरित्र का प्रमाण पत्र लगाकर वर्ष 1999 में राजस्व विभाग में संग्रह अमीन बने इस शख्स का आपराधिक रिकॉर्ड सरकारी नौकरी में रहते बढ़ता चला जा रहा है। उसके खिलाफ थाना बिथरी चैनपुर में चार, थाना कैंट में तीन, थाना सुभाषनगर में एक मामला मारपीट, अमानत में खयानत, धोखाधड़ी और जानलेवा हमले के मामलों में मुकदमा दर्ज हो चुका है। यहां तक कि उसके खिलाफ बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज हैं। कई मामलों में कोर्ट से जुर्माना हो चुका है, अधिकतर में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है।