बरेली (ब्यूरो)। अस्पताल बीमार लोगों के लिए एक सहारा होता है, जहां वे हर बीमारी का इलाज ढूंढ रहे होते हैैं, लेकिन क्या हो जब अस्पताल में बीमारी का इलाज करने वाले डॉक्टर ही न हो या फिर उनसे यह कह दिया जाए कि यहां इस डिजीज का इलाज नहीं होता है। ऐसा कह कर उन्हें रेफर कर दिया जाए या कह दिया जाए कि यहां इस रोग का स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। ऐसे मेंंं लोगों के पास न चाहते हुए भी प्राइवेट हॉस्पिटल का ही एकमात्र उपाय बचता है। डिस्ट्रिक हॉस्पिटल में आजकल कुछ ऐसा ही हाल नजर आ रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने यहां पहुंचे लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि वहां पर उनकी बीमारी का इलाज ही उपलब्ध नहीं है। उन्हें प्राथमिक उपचार देकर बाहर दिखाने के लिए बोल दिया जाता है।

हार्ट वार्ड बना ईसीजी टेस्टिंग सेंटर
अस्पताल में हार्ट वार्ड तो बना है, लेकिन उसमें इलाज करने वाला कोई स्पेशलिस्ट नहीं है। सालों से हार्ट वार्ड सिर्फ ईसीजी सेंटर बना हुुआ है। वहां पर किसी भी तरह की बीमारी का ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा है। यहां के लिए आई मशीनों को इमरजेंसी और चाइल्ड वार्ड में यूटीलिटी के लिए भेज दिया गया है, जिससे वे कहीं इस्तेमाल हो जाएं। पांच से छह साल पहले अस्पताल में हार्ट स्पेशलिस्ट थे। जब से उनका रिटायरमेंट हुआ है तब से उनकी पोस्ट खाली पड़ी हुई है। वहां कोई आया ही नहीं।

मेल वार्ड की स्थिति
विभाग स्वीकृत पद रिक्त पद
चिकित्सा अधीक्षक: 01 01
चर्म रोग विशेषज्ञ: 01 01
चेस्ट फिजिशियन: 03 02
रेडियोलॉजी: 03 02
कार्डियोलॉजिस्ट: 02 02
प्लास्टिक सर्जन: 01 01
यूरोलॉजिस्ट: 01 01
न्यूरो सर्जन: 01 01
न्यूरो फिजिशियन: 01 01
नैफ्रोलॉजिस्ट: 01 01
डेंटल सर्जन: 01 01
फिजीशियन: 03 01
मनोरोग: 01 01

जिला स्तर पर (अंडर सीएमओ)
टोटल पद: 237
रिक्त पद: 83

एमसीएच विंग (कांट्रेक्चुअल)
टोटल पद: 17 पद
रिक्त पद: 10 पद

महिला अस्पताल में परमानेंट पद
टोटल पद : 11 पद
रिक्त पद : 06 पद

डीएसडब्ल्यू
टोटल पद: 16 पद
रिक्त पद: 08 पद

अर्बन पीएचसी की स्थिति
टोटल पीएचसी: 26
अर्बन पीएचसी: 23
तेहसील पीएचसी: 03 (बहेड़ी, आंवला, फरीदपुर)
कांट्रेक्चुअल: 17
परमानेंट: 02
रिक्त: 07

अर्बन हेल्थ वेलनेस सेंटर की स्थिति
वेलनेस सेंटर: 34
कांट्रेक्चुअल: 25
रिक्त: 09

नहीं ले रहे हैैं इंटरेस्ट
अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर अखबर हुसैन ने बताया कि रिक्त पदों को भरने के लिए कई बार वैकेंसी निकाली गईं, लेकिन कोई आने को रेडी ही नहीं होते हैैं। हाल में ही 25 वैकेंसीज निकाली गईं, लेकिन सिर्फ नौ लोग ही आए। उनमें से सिर्फ सात लोग ही सलेक्ट हुए।

महंगा इलाज करा रहे पेशेंट्स
जिला अस्पताल जिसे लोग कम फीस की वजह से प्रीफर करते हैैं, लेकिन डॉक्टर्स की कमी की वजह से उन्हें प्राइवेट अस्पताल या फिर बाहर जाकर इलाज कराना पड़ता है। ऐसे में वे हाई मेडिकल कॉस्ट को झेलने को मजबूर हो जाते हैैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी रिक्त स्थान को भराने के लिए कोई कोशिश नहीं की जाती दिख रही है। नहीं तो मरीजों को इतनी परेशानी न झेलनी पड़े।


हमारे यहां से रिक्त पदों को भरने के लिए सूचना भेज दी गई है। जिस सेक्शन में डॉक्टर नहीं हैं, वहां पर पेशेंट्स को प्राथमिक उपचार दिया जाता है।
-डॉ। अलका शर्मा, एडीएसआईसी

अस्पताल में जो भी पद खाली होते हैं, उन पर नियुक्ति शासन से की जाती हैं। इसके लिए हमारी ओर से रिक्त पदों के लिए पत्र भेज दिया जाता है।
-डॉ। त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, महिला जिला अस्पताल