बरेली (ब्यूरो)। बरेली मंडल की बिजली सप्लाई व्यवस्था के लिए आरडीएसएस अर्थात रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सैक्टर रिफॉर्म स्कीम आने वाले समय में वरदान साबित होगी। इस स्कीम से पूरे मंडल सब स्टेशन्स का उच्चीकरण होगा और नए ट्रांसफार्मर लगेंगे। इससे बिजली सप्लाई की व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और सरकार के दावे का ब्रैकडाउन भी नहीं होगा। इस स्कीम को यूं तो वर्ष 2024 तक पूरा होना है, पर अभी तक इसमें तेजी नहीं आई है। विभागीय जानकारी के अनुसार अभी तक इस योजना के अंतर्गत मात्र फाइव परसेंट ही काम हो सका है। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने रीवैम्प योजना की समीक्षा करते हुए योजना के अंतर्गत होने वाले सभी कार्य समय से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

ये होंगे काम
आरडीएसएस के माध्यम से निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए होने हैं कार्य
अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे
नई एलटी लाइन बिछाने के साथ ही विद्युतीकरण से जुड़े अन्य कार्य पूरे कराए जाएंगे
सिटी और गांवों में जर्जर बिजली की लाइनें बदली जाएंगी
जरूरत की जगहों पर नए बिजली के पोल लगाए जाएंगे
ओवर लोडिंग की समस्या को दूर करने के लिए नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे
ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाएगी
ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी के कारण पूरे गांव की सप्लाई ठप नहीं होगी
नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
विद्युतीकरण के अभाव में दूरदराज से कटियाकनेक्शन को बंद किया जाएगा
बिजली आपूर्ति ले रहे लोगों को विधिवत कनेक्शन दिए जाएंगे
अंडर ग्राउंड केबल बिछाई जाएगी, ताकि बिजली आपूर्ति

मिलेगी समस्या से निजात
अफसरों का कहना है कि रीवैम्प्ड योजना का मेन मकसद यही है कि कंज्यूमर्स की समस्या को दूर करना है। समस्या का मेन कारण था जर्जर लाइन, झूलते वायर और ओवर लोडिंग के कारण ट्रिपिंग होना मेन था। लेकिन अब इन सभी समस्याओं से निजात मिल जाएगी। हालांकि इस योजना के तहत काम भी शुरू कर दिया गया है। लेकिन काम की प्रगति स्लो है इसको लेकर अफसरों ने संज्ञान लिया और काम में तेजी लाने की बात कही। ताकि 2024 में कटौती से निजात मिल सके।

उच्च क्षमता के लगेंगे ट्रांसफार्मर
रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन स्कीम से सबसे बड़ा काम ओवरलोड से हांफ रहे ट्रांसफार्मर्स की क्षमता में बढ़ोत्तरी के साथ नए ट्रांसफार्मर को लगाने का होना है। इस योजना के अंतर्गत मंडल में 3,382 नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने हैं। इसके साथ ही 1492 ट्रांसफार्मर्स की क्षमता वृद्धि का भी प्रस्ताव है। इसके लिए काम भी शुरू हो गया है।

820 करोड़ की है स्कीम
केन्द्र सरकार ने रीवैम्प्ड स्कीम को पांच वर्ष में पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह स्कीम 820 करोड़ रुपए की है। इससे नए सब स्टेशन भी तैयार होने हैं। नई लाइनें बिछाने के लिए 428 खंभे लगाए जाने हैं। इस योजना के पूरा होने पर ओवरलोडिंग से हो रही कटौती के साथ ही जर्जर खंभों पर झूलते तारों से निजात मिल जाएगी। इससे निर्बाध बिजली सप्लाई संभव हो सकेगी।

हादसों पर लगेगी लगाम
बिजली विभाग की जगहजगह झूलती लाइनों से अक्सर हादसे होते रहते हैं। इसके अलावा बिजली के खंभों पर तारों का मकडज़ाल भी बड़ी समस्या बनता है। रीवैम्प्ड स्कीम के तहत झूलते वायर और जर्जर खंभे ही बदले जाने हैं। इसके बाद हादसों में भी कमी आएगी। सिटी की ही बात करें तो बदहाल बिजली सप्लाई व्यवस्था से चक महमूद, जोगी नवादा और हरुनगला सहित कैंट एरिया में भी हादसे हो चुके हैं। बिजली की लाइन और पोल्स बदले जाने से लोगों को कटौती से निजात तो मिलेगी ही, जान-माल का नुकसान भी नहीं होगा।