- रामगंगा आवास योजना को स्मार्ट सिटी में शामिल करने पर बोर्ड मेंबर्स में नाराजगी

- बीडीए को कटघरे में खड़ा करते हुए बीडीए बोर्ड मेंबर्स ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

<- रामगंगा आवास योजना को स्मार्ट सिटी में शामिल करने पर बोर्ड मेंबर्स में नाराजगी

- बीडीए को कटघरे में खड़ा करते हुए बीडीए बोर्ड मेंबर्स ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

BAREILLY:BAREILLY:बीडीए का विवादों से पुराना नाता रहा है। इसी क्रम में अब बीडीए की ओर से रामगंगा नगर आवास योजना को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने पर विवाद शुरू हो गया है। जिसपर बीडीए बोर्ड के अधिकारियों ने आपत्ति जताई है। बोर्ड सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीडीए के अधिकारी साख बचाने के लिए प्रदेश की योजना पर केंद्र की मुहर लगा रहे हैं। इससे पिछले क्0 वर्षो से एक अदद छत की आस लगाकर बैठे लोगों के साथ धोखा है। इसके उलट जहां आवंटन का रास्ता साफ हुआ तो अब स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट की वजह से इंतजार बढ़ता जा रहा है।

क्0 वर्षो का इंतजार अौर बढ़ेगा

बीडीए बोर्ड मेंबर डॉ। अमित सक्सेना ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र के माध्यम से बीडीए की कारगुजारियों से अवगत कराया है। उन्होंने शिकायती पत्र में लिखा है कि रामगंगा आवास योजना प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। पिछले करीब क्0 वर्षो से आवंटन का इंतजार कर रहे लोगों को आवास आवंटित नहीं हो पाए। योजना शहर से 9 किमी। की दूरी पर है। स्मार्ट सिटी का हिस्सा बनाया गया तो आवास का इंतजार कर रहे लोगों को करीब दो से तीन वर्षो का और इंतजार करना पड़ सकता है। बता दें कि रामगंगा आवासीय योजना चार ग्राम पंचायतों के किसानों की जमीन पर बनाया गई। इस वर्ष चार गांवों का अवॉर्ड हुआ है और किसानों को मुआवजा बांटा जा रहा है। जिससे आस लगाए बैठे आवंटियों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी थी।

अधिकारियों की मनमानी

बोर्ड मेंबर्स ने बीडीए पर आरोप लगाए हैं कि अधिकारियों ने रामगंगा योजना को नगर निगम और एजेंसी के हवाले किए बिना ही इतना बड़ा फैसला ले लिया है। यही नहीं, बोर्ड मेंबर्स की अनुमति भी लेने की भी परवाह नहीं की। इन सबके बिना ही बीडीए ने रामगंगा को स्मार्ट प्रोजेक्ट में शामिल कर दिया। जबकि मामले के बारे में हर किसी को अनिवार्य रूप से जानकारी होनी चाहिए थी। जबकि स्मार्ट सिटी को लेकर शासन द्वारा बनाई गई समिति के दो सदस्यों ने इस अनुबंध पर हस्ताक्षर भी नहीं किए हैं। बीडीए अधिकारियों ने मामले में जमकर मनमानी कर रहे हैं। जबकि बीडीए को जनता के हित को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए था।

रामगंगा आवास योजना को स्मार्ट सिटी में बदलने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सभी की अनुमति लिए जाने के बाद ही योजना को शामिल किया है।

गरिमा यादव, सचिव, बीडीए