- बीडीए ने आजाद नगर में मकान निर्माण पर लगाई थी रोक, मामला पहुंच गया था कोर्ट

- हाईकोर्ट के मुताबिक बीडीए द्वारा निर्माण न कराए जाने वाले एरिया में बीडीए नहीं कर सकता हस्तक्षेप

BAREILLY: एक तो बीडीए ने वर्षो पहले अप्लाई किया गया नक्शा पास नहीं किया। जब मकान मालिक ने भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया तो बीडीए ने हाई कोर्ट की गाइलाइंस के खिलाफ जाते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। इससे खफा पीडि़त मकान मालिक ने इसकी शिकायत हाईकोर्ट में की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें मकान बनाने की इजाजत दे दी। जब वह आदेश लेकर बीडीए अधिकारियों से मिलने पहुंचे तो अधिकारियों ने उनसे मुलाकात नहीं की। इसके चलते उन्होंने इस बात की शिकायत अपर सत्र न्यायधीश से की है।

1986 से रह रहा है परिवार

पीलीभीत बाईपास के सेटेलाइट से कुछ ही दूरी पर स्थित आजाद नगर निवासी हरि प्रसाद गंगवार गत 1996 में अपने घर का निर्माण करवा रहे थे, लेकिन मौके पर पहुंची बीडीए टीम ने निर्माण कार्य रुकवा दिया था। उन पर नक्शा पास कराए बिना निर्माण कार्य कराने का आरोप लगाते हुए निर्माण कार्य रोक दिया गया था। जबकि पीडि़त ने 1986 में नक्शे के लिए बीडीए में अप्लाई किया था। बावजूद इसके उनका नक्शा पास नहीं किया गया। बावजूद इसके बीडीए ने हरि प्रसाद की नहीं सुनी और निर्माण कार्य रुकवा दिया था तो उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी। इस मामले में हाईकोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइंस है कि बीडीए बिना नक्शे के बन रहे उन्हीं एरिया में मकान का निर्माण कार्य रोक सकता है जहां का विकास बीडीए ने किया हो। इसके चलते हाईकोर्ट ने बीडीए को दोषी मानते हुए हरि प्रसाद को निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दे दिया था लेकिन बीडीए ने हरि प्रसाद पर तीन मुकदमें दर्ज करवा दिए।

क्या है हाईकोर्ट की गाइडलाइंस

हाईकोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक जिस क्षेत्र का विकास बीडीए ने नहंीं कराया हो, उसमें हस्तक्षेप का अधिकार भी नहीं है। बीडीए ने हाईकोर्ट के इस आदेश की अवहेलना की। जिस पर पीडि़त ने अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है।