स्पेशल न्यूज

- वर्ष भर में बीडीए पहुंचती हैं करीब 5 सौ से ज्यादा शिकायतें

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- वर्ष भर में बीडीए पहुंचती हैं करीब भ् सौ से ज्यादा शिकायतें

BAREILLY:

BAREILLY:

शहर में हो रहे अवैध निर्माण पर एक्शन को लेकर बरेली विकास प्राधिकरण की मंशा में ही खोट है। यही वजह है कि शहर में दिन-ब-दिन बिना परमिशन के निर्माण की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, प्राधिकरण के अधिकारी बचाव में अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस पर नोटिस जारी करते है, लेकिन एक्शन सिर्फ भ् परसेंट लोगों पर ही होती है। 9भ् परसेंट को मुट्ठी गरम कर मूक सहमति दे दी जाती है। आपको बताते हैं

हर माह करीब ब्0 अवैध निर्माण

माह भर में करीब ब्0 अवैध निर्माण की शिकायत बीडीए में होती है। ज्यादातर शिकायत कॉल के जरिए पहुंचती है। लिखित शिकायत कम होती है। शिकायतों पर फुर्ती दिखाते हुए जवाबदेही के तौर पर तुरंत नोटिस जारी होती है। लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती। इसके बाद दोबारा उसी अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में आता है तो सीलिंग की कार्रवाई हो जाती है। सूत्रों के मुताबिक नोटिस जारी कर इंफोर्समेंट दस्ता सांठ-गांठ कर गुपचुप तरीके से निर्माण की इजाजत दे देता रहता है। सांठ-गांठ न होने पर भ् परसेंट अवैध निर्माण पर ही जेसीबी चलती है।

यूं होता है खेल

सूत्रों के मुताबिक बीडीए के काउंटर पर नक्शा, डीड और फीस जमा करते वक्त ही वसूली शुरू हो जाती है। काउंटर पर बैठे कर्मचारी वसूली के बाद फाइल भवन सेक्शन भेज देते हैं। यहां नक्शा और भूखंड के भौतिक सत्यापन के लिए फाइल संबंधित जोन के जेई के पास जाती है। पहले तो कुछ दिन जेई आवेदक को इधर-उधर दौड़ाते हैं। फिर एई और टॉउन प्लानर से बातचीत कर नक्शा कंपाउंड करने के लिए रखकर निर्माण की मौन अनुमति दी जाती है। मोटी रकम मिलने के बाद ही नक्शा पास होता है।

इंफोर्समेंट दस्ता जिम्मेदार

शहर में अवैध निर्माण पर नजर रखने और इसकी रोकथाम की जिम्मेदारी बीडीए के इंफोर्समेंट दस्ते की है। ऐसे में अवैध निर्माण की मौन सहमति देने के बदले मिलने वाली रकम इनफोर्समेंट दस्ते के जेई से बीडीए के आलाधिकारी तक बंटती है। बदायूं रोड पर अवैध निर्माण में जेई और सुपरवाइजर की मिलीभगत इसका उदाहरण है। ज्यादातर कॉम्पलेक्स दो से तीन मंजिला का ही नक्शा पास होता है। बाकी के फ्लोर मिलीभगत के चलते बना लिए जाते हैं।

कार्रवाई के नियम

अवैध निर्माण पर बीडीए उत्तर प्रदेश नगर विकास योजना क्97फ् की धारा ख्म् और ख्7 में चालान, सुनवाई, नोटिस और ध्वस्तीकरण का आदेश और धारा ख्8 में सीलिंग का प्रावधान है। बीडीए इस नियम के तहत अवैध निर्मित भवन अथवा उसका अवैध हिस्सा सील कर सकता है। सीलिंग एरिया का सर्वेक्षण कर जुर्माना तय होता है। यदि निर्माण बीडीए के तय मानकों से अधिक है तो इसे ध्वस्त करने का भी प्रावधान है। पर नियम फॉलो ही कहां होता है?

एक नजर में ।

- भ्00 शिकायत वर्ष भर में

- ब्0 शिकायत प्रतिमाह

- भ् परसेंट पर होती है कार्रवाई

- ख्भ् अवैध निर्माण होते हैं ध्वस्त

- ख् सौ निर्माण की कंपाउंडिंग

- 7भ् पर सीलिंग की कार्रवाई

- ख् सौ निर्माण वर्ष भर में गुपचुप हो जाते हैं

नोट - डाटा में फेरबदल संभव है। क्योंकि कॉल से आई शिकायत वेरिफिकेशन के बाद रिकॉर्ड होती है।

अवैध निर्माण पर पहले नोटिस फिर कार्रवाई के लिए इंफोर्समेंट टीम सील लगाती है। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की मदद लेकर ध्वस्तीकरण होता है। अक्सर फोर्स नहीं मिलने से ध्वस्तीकरण नहीं हो पाता।

डॉ। सुरेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष, बीडीए