- रामगंगा आवास योजना फेज 2 के लिए बीडीए की ओर से जारी किया गया गलत एडवरटीजमेंट

- जारी एडवरटीजमेंट में ईडब्ल्यूएस टू में दिखाए थे टू रूम सेट, अब बीडीए जारी कर रहा नोटिस

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BAREILLY: अब इसे बीडीए का खेल कहें या फिर फ्लॉप योजना को हिट करने स्कीम। रामगंगा नगर आवास योजना फेज टू के आवंटी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। दरअसल, एडवरटीजमेंट बुकलेट में बीडीए ने रूम की संख्या अधिक दिखाकर रजिस्ट्रेशन करवा लिए। सिर्फ इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन करने के दौरान भी उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि उन्हें दो रूम का नहीं बल्कि एक रूम सेट का फ्लैट मिलेगा। जब आवंटियों को पता चला तो उन लोगों ने शिकायत की। इसके बाद अधिकारियों ने आवेदन करने वालों से कहा कि वह चाहें तो रजिस्ट्रेशन के रुपए वापस भी ले सकते हैं।

कुछ ऐसा था एडवरटीजमेंट

रामगंगा नगर आवास योजना फेज 2 के लिए इसी वर्ष 16 जनवरी को एडवरटीजमेंट पब्लिश हुआ था। जिसमें ईडब्ल्यूएस टू श्रेणी के 62 आवास थे। 23.50 वर्गमीटर में बनने वाले ईडब्ल्यूएस टू को टू बेडरूम सेट दर्शाया गया। जिसमें ग्राउंड फ्लोर के रजिस्ट्रेशन की कीमत 5.84 लाख, फ‌र्स्ट फ्लोर की कीमत 4.91 लाख व सेकंड फ्लोर की कीमत 5.14 लाख रखी गई थी। एडवरटीजमेंट पब्लिश होने के बाद आवास के लिए 95 लोगों ने आवेदन किए। जिसमें लॉटरी सिस्टम के लिए 62 लोगों के आवेद एक्सेप्ट ि1कए गए।

मानी अपनी गलती

कम कीमत में बेहतर पैकेज देखकर आवंटियों ने हाथोंहाथ आवेदन किए। साथ ही लॉटरी में नाम निकलने के बाद उन्होंने आवास आंवटित भी करा दिया गया। करीब चार माह बाद बीडीए का खेल उजागर होने के बाद आवंटियों ने आलाधिकारियों से शिकायत की तो बीडीए ने आवंटियों को नोटिस जारी कर कहा कि वह एडवरटीजमेंट में ईडब्ल्यूएस श्रेणी टू के टू बेडरूम सेट को गलती से प्रिंट कर दिया गया था। जबकि वह वन रूम सेट है। वहीं बीडीए ने गलती मानते हुए आवेदन कैंसिल कर फीस वापस लेने और साथ ही बीडीए ईटी टू व ईटीएस के तहत आवंटियों को टू रूम सेट लेने की भी सलाह दे रहा है।

बॉक्स मैटर

यहां भी फंसे खरीददार

इसी तरह का एक मामला करगैना आवास योजना समेत आठ कालोनियों का भी है। जहां मूल आवंटियों ने आवास बेच दिए। बीडीए पुराने आवंटियों को पकड़ने में नाकाम रहा तो जिन्हें आवास बेचे गए उन आवंटियों से बीडीए बकाया राशि वसूल रहा है। साथ ही उनके नाम रजिस्ट्री भी नहीं कर रहा है। जिन लोगों ने आवास खरीदा है वह हर तरफ से घिर गए हैं। एक ओर वह आवास की रकम दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आवास भी रजिस्ट्री के तौर पर नहीं मिल पा रहा है।

बुकलेट में गलत प्रिंटिंग होने से एक रूम के स्थान पर दो रूम दर्शा दिया गया। मामला संज्ञान में आने के बाद आवेदनकर्ताओं को राशि वापस लेने की नोटिस भेजी गई है।

अजय कुमार, बीडीए उपसचिव