- 8 कॉलोनियों के करीब 8 सौ लोगों को बीडीए ने किया डिफाल्टर

- वर्तमान निवासियों को बीडीए की नोटिस, बकाया न देने पर बलपूर्वक होगी वसूली

BAREILLY:

वर्षो से उधारी पर फ्लैट लेकर मौज उड़ा रहे बकायेदारों के सिर से आशियाना छिन सकता है, क्योंकि डिफाल्टर आवंटियों के खिलाफ बरेली विकास प्राधिकरण एक्शन लेने के मूड में है। इन्हें नोटिस भेजकर फ्लैट खाली करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। आवंटी फ्लैट खाली कर देते हैं तो ठीक है। अन्यथा, प्राधिकरण 30 जुलाई के बाद डंडे के बल पर फ्लैट खाली कराने की कार्रवाइर्1 करेगा।

नहीं अदा हुई पूरी किश्त

प्राधिकरण की 12 आवासीय योजनाओं में रामगंगा को छोड़कर बाकी सभी में अलॉटमेंट हुए हैं। इन सभी में आवंटियों ने एकमुश्त रकम जमा करने के बाद किश्त भी देना शुरू किया था, लेकिन कुछ ही किश्तें अदा करने के बाद किश्त टूट गई। जिसके बाद प्राधिकरण ने नोटिस जारी की लेकिन कोई सख्त कार्रवाई न होने की वजह से आंवटियों ने किश्त शुरू नहीं की। करीब 17 वर्षो बाद विभाग ने ऐसे आवंटियों की सूची बनाकर करोड़ों का बकाया वसूलने की तैयारी कर रहा है।

अब तक 15 सौ

बीडीए की बनाई हुई 12 विभिन्न आवासीय योजना के आवंटियों की सूची बनाई गई। इसमें करीब 1500 आवंटियों के नाम एवं पते दर्ज किए गए। उन्हें करीब दो माह पूर्व नोटिस भेजा गया था। जिसमें से 4 आवासीय योजना के करीब 6 सौ आवंटियों ने किश्त शुरू कर दी अथवा एकमुश्त बकाया जमा करा दिया। हालांकि, 8 योजनाओं के आवंटियों को भुगतान न करने पर डिफॉल्टर घोषित कर दिया। इसमें करगैन आवासीय योजना, मथुरापुर, हरुनगला, ट्रांसपोर्ट नगर, तुलापुर आवासीय योजना, टीबरीनाथ, एकता नगर, मठ लक्ष्मीपुर व बिहारमान नगला शामिल हैं। जिसके मूल आवंटी ने बीडीए को चूना लगाकर फरार हो गए हैं।

बंद किश्तों ने ख्ाोली आंख

गौरतलब है कि प्राधिकरण को जब मूल आंवटियों ने किश्त देना बंद किया तो बीडीए की आंख खुली। जांच में पता चला कि उन्होंने आवास को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया है, जिस वजह से बकाया नहीं मिल रहा था। फर्जीवाड़ा की आशंका की पुष्टि होने पर बीडीए ने निवासियों को बकाया जमा करने का नोटिस भेजा। जिसकी जिम्मेदारी बाबुओं को डोर-टू-डोर जाकर फाइनल नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि आवासीय योजना में करीब 5 हजार से ज्यादा आवास बने हैं।

नहीं ली एनओसी

नियमानुसार बीडीए आवास आवंटित करते समय पूरी किश्त जमा नहीं कराता। पूरा बकाया अदा करने के बाद ही भवन की रजिस्ट्री होती है। ऐसे में यदि वह किसी को बेचते हैं तो उसके लिए बीडीए से एनओसी लेने पड़ती है। अनुबंध के अनुसार आवास की अगली किश्त खरीदने वाला व्यक्ति देगा, लेकिन भवन खरीदने वालों ने ऐसा नहीं किया। अधिकारियों के मुताबिक जिन लोगों ने आवास खरीदे हैं, उनमें तमाम लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोग रकम जमा करने के लिए तैयार हुए हैं।

यह हैं डिफॉल्टर

योजना का नाम डिफाल्टर बकाया

करगैना आवासीय 400 4 करोड़

एकता नगर 30 10 लाख

हरुनगला 13 7 लाख

तुलापुर आवासीय 25 70 लाख

मठ लक्ष्मीपुर 90 10 लाख

रामगंगा 20 आवंटन निरस्त

मथुरापुर 82 24 लाख

बिहारमान नगला 125 1 करोड़

बीडीए ने डिफॉल्टर आवंटियों को नोटिस जारी किया है। यदि तय समय तक जो आंवटी बकाया अदा न करेगा, उसके खिलाफ बलपूर्वक फ्लैट खाली कराया जाएगा।

गरिमा यादव, सचिव बीडीए