-प्रोडक्ट का यूज करने से पहले घरेलू नुस्खों से करें जांच
-किचन को बनाएं मिनी लेबोरेट्री
BAREILLY मैगी में हानिकारक पदार्थो की मिलावट का शोर क्या मचा दूसरे खाद्य पदार्थो पर शक की सुई नाचने लगी है। सवाल सवा सौ आना सच भी है कि जिन खाद्य पदार्थो का हम यूज कर रहे हैं वह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने मुफीद हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि मैगी जैसे न जाने कितने प्रोडक्ट को हम बड़े चाव से गटक जा रहे हैं और वह हमारे शरीर में मीठा जहर की तरह घुल रहे हैं। ऐसे में, इन खाद्य पदार्थो की जांच करना जरूरी भी है तो क्यों न किचन को ही मिनी लेबोरटरी बना लें। आइए बताते हैं कैसे करें किचन में खाद्य पदार्थो की जांच
हल्दी, बेसन में केसरी दाल तो नहीं
'हर पीली चीज सोना नहीं होती' कहावत वैसे तो सोना के लिए कही गई है, लेकिन किचन में हल्दी और बेसन पर भी यह खूब लागू होती है। इसे पीला करने के लिए केसरी दाल या फिर मेटालिन येलो मिलाई जाती है, जिसे खाने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है.सामान्य रुप से भी इसके इस्तेमाल से पेट की समस्याएं पैदा होती हैं।
टेस्ट : 20 एमएल गुनगुने पानी में डेढ़ चम्मच बेसन या हल्दी घोलें, फिर इसमें हाईड्रोक्लोरिक एसिड या फिर घर में मौजूद कोई अन्य एसिड की कुछ बूंदे मिलाएं।
रिजल्ट: पानी का ये घोल बैगनी, गुलाबी या पर्पल हो जाता है, तो समझिए इन फूड सबस्टेंस में केसरी दाल नामक पदार्थ मिला हुआ है।
आइसक्रीम में डिटर्जेट
आईसक्रीम हर एज ग्रुप की पसंद है। लिहाजा, इसकी मार्केट में डिमांड भी ज्यादा है। ऐसे में, कस्टमर्स को रिझाने के लिए कंपनी तरह-तरह के फ्लेवर अवेलबल कराती है। इस फ्लेवर के लिए वह आइसक्रीम में ऐसे पदार्थ का यूज करते हैं, जो हेल्थ के लिए बेहद घातक होता है। आमतौर पर आइसक्रीम में डिटर्जेट मिलाए जाने की बातें सामने आती हैं।
टेस्ट : लेमन जूस की कुछ बूंदें आइसक्रीम पर डालें।
रिजल्ट: लेमन जूस डालने से आइसक्रीम में बुलबुले निकलने शुरू हो जाते हैं तो ये बताता है कि इसमें डिटर्जेट मिलाया गया है।
हरी सब्जी भी नहीं रही हेल्दी
हरी सब्जी को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। वाकई हरी सब्जी हेल्दी होती भी है, लेकिन बाजार में हरा रंग चढ़ाने के बाद यह अपनी खासियत को खो देती है। सब्जी को चमकदार दिखाने के लिए मैलासाइट ग्रीन यानि कलर डाई मिलाते हैं। बॉडी पर इसका असर कैंसर के रूप में दिखाई पड़ता है।
टेस्ट : हरी सब्जी के टुकड़े करके उसे नम ब्लौटिंग पेपर पर फैलाएं।
रिजल्ट: सब्जी का रंग अगर ब्लौटिंग पेपर पर चढ़ता है, तो इसका मतलब है कि सब्जी में मैलासाइट ग्रीन पदार्थ मिलाया गया था।
दूध, पनीर, खोया में अनहाईजनिक तत्व
दूध में पानी की मिलावट तो सभी जानते हैं, लेकिन पानी दूध को गाढ़ा करने के लिए मिलाए जाने वाले तत्व हमारे पाचन तंत्र को बिगाड़ देते हैं।
टेस्ट:
टेस्ट टयूब में दूध का सैंपल लेकर 20 मिली पानी मिलाएं। इसे गर्म करके रूम टेम्प्रेचर पर ठंडा होने दें। इसके बाद घोल में आयोडीन विलयन की एक-दो ड्रॉप डालें।
रिजल्ट: यदि घोल का रंग नीला हो जाता है, तो ये प्रूव करता है कि सैंपल में स्टार्च मिला है।
जांचिए आयोडीन नमक की शुद्धता
आयोडीन युक्त नमक सेहत के लिए कितना जरूरी है, ये तो हम सब जानते हैं। लेकिन मिलावटखोर इसमें आयोडीन की जगह हानिकारक पदार्थ मिला रहे हैं।
टेस्ट : नमक को जांचने के लिए एक उबले आलू का इस्तेमाल करें, आलू पर नमक छिड़क दें। एक मिनट बाद इस पर नींबू का रस डालें।
रिजल्ट: नींबू का रस पड़ने के बाद यदि आलू का रंग नीला हो जाए तो इसके आयोडीन युक्त यानि शुद्ध होने का पता लगता है।
हर चीज में मिलावट होने लगी है, ऐसे में पैकेट बंद चीजों पर विश्वास नहीं होता। घर में अपनी सास के बताएं नुस्खे का इस्तेमाल कर इन चीजों की परख जरूर करती हूं।
- अनुराधा, हाउस वाइफ
दूध, घी और तेलों में सबसे ज्यादा मिलावट होती है, मैं तो इनकी महक से इनकी शुद्धता का अंदाजा लगाती हूं। लेकिन अब तो इनकी मेकिंग में तरह-तरह के सेंट भी इस्तेमाल होने लगे है, कोई भी चीज सुरक्षित नहीं रह गई है, इसलिए डर लगता है।
- मोनिका, हाउस वाइफ
सब्जी उगाने व अन्य खाद्य पदार्थो की मेकिंग में अब बड़े पैमाने पर कैमिकल्स का उपयोग किया जाने लगा है। इन कैमिकल्स को डिटेक्ट करने के लिए लैबोरेट्री जांच तो करानी ही चाहिए, लेकिन कई घरेलू नुस्खे भी इन्हें जांचने में कारगर साबित होते हैं।
- रंजीत कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र