बरेली:
इबादत का माह तो बीत रहा है और ईद भी आने वाली है। ऐसे में लॉकडाउन ओपन हुआ और सब कुछ ठीक रहा तब तो ठीक है वर्ना तो ईद इस बार गले मिलकर नहीं बल्कि दूर से एक दूसरे को मुबारकबाद देकर ही मनाएंगे। यह कहना है शहर के रोजेदारों का। बताते हैं कि रमजान में भी सभी ने लॉकडाउन का फॉलो करते हुए सोशल डिस्टेसिंग को फॉलो किया है। ताकि हम अपने साथ अपनों को भी सुरक्षित रख सके।
सोशल डिस्टेसिंग जरूरी
शहर के रोजेदार जहान की माने तो वह बताते हैं कि रमजान में इस वक्त सभी घरों में ही रोजा रख तरावीह और कुरान-ए-पाक की तिलावत कर रहे हैं। लेकिन ऐसे में सभी ने जो मेहनत पूरे रमजान की है वह आगे सफल हो इसके लिए वह इस बार रमजान के बाद ईद पर एक दूसरे के गले मिलकर नहीं बल्कि दूर से मुबारकबाद देंगे।
नहीं मिलेंगे गले
शहर के रहने वाले रोजेदार सोनू का कहना है कि वह इस बार ईद पर सोशल डिस्टेसिंग फॉलो करने के चलते घरों में नमाज और तरवीह के साथ कुरान-ए-पाक की तिलावत की है। जब वह रोजा की नमाज आदि घर पर ही अदा की है तो इस बार ईद की मुबारकबाद सभी को जरूर देंगे लेकिन सोशल डिस्टेसिंग को फॉलो करते हुए ही देंगे। क्योंकि जो मेहनत अब तक सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने में की है वह बेकार नहीं होनी चाहिए।
-लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करना जरूरी है। सभी लोग कर भी रहे हैं। अभी तो ईद में समय है लेकिन सब कुछ ठीक नहीं हुआ तो सोशल डिस्टेसिंग फॉलो किया जाएगा।
मुफ्ती फारुखी
-दरगाह से जो भी फरमान होगा उसे फॉलो किया जाएगा। लेकिन ईद का त्योहार तो एक दूसरे के गले मिलने का होता है। लेकिन सोशल डिस्टेसिंग फॉलो करना जरूरी।
हाफिज अजहर