कुर्सी पर चढ़ गए

स्टूडेंट्स की संख्या इतनी थी कि कर्मचारी दूसरे कमरों में जा छिपे। डीआईओएस को ऑफिस में ना पाकर स्टूडेंट्स कुर्सियों पर चढ़ गए। टेबल पीटने लगे। ऑफिस के अंदर और बाहर खूब हंगामा किया। गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को कॉलेज में लैपटॉप बांटे गए थे। उस दिन और उसके पहले भी कॉलेज के स्टूडेंट्स ने कलेक्ट्रेट और डीआईओएस ऑफिस पर बवाल काटा था। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि कॉलेज ने सैकड़ों स्टूडेंट्स के नाम गायब कर दिए और पैसे लेकर कई के नाम लिस्ट में शामिल कर लिए। कुछ नॉन एलिजिबल स्टूडेंट्स को भी लैपटॉप देने के आरोप लगे।

KCMT students का प्रदर्शन

उधर केसीएमटी के छूटे हुए स्टूडेंट्स ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। करीब 81 गल्र्स और 75 स्टूडेंट्स ने कंप्लेन की कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है। जबकि उन्होंने लैपटॉप के लिए फॉर्म भरा था।

200-300 स्टूडेंट्स के नाम गायब

लैपटॉप बंटने के बाद छूटे हुए स्टूडेंट्स के भी फॉर्म भरवाने के आदेश दिए गए। स्टूडेंट्स ने बताया कि 15 अक्टूबर को फॉर्म जमा कराए गए और लास्ट सैटरडे कॉलेज ने लिस्ट डिक्लेयर कर दी। इसकी इंफॉर्मेशन डीआईओएस ऑफिस को नहीं दी गई। स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि नई लिस्ट में भी करीब 200 से 300 स्टूडेंट्स के नाम गायब हैं। हंगामा बढ़ता देख डीआईओएस केपी सिंह ने खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी से फोन पर संपर्क किया। उन्होंने कॉलेज में लिस्ट लगाने से पहले डीआईओएस ऑफिस में उसकी सीडी मुहैया कराने के निर्देश दिए। साथ ही सभी स्टूडेंट्स के फॉर्म जमा करने के लिए तीन दिन का टाइम देने को कहा।