कर्मचारियों की भी रोजाना बायोमैट्रिक से दर्ज होगी उपस्थिति

>BAREILLY:

शहर में बना खुले बाल आश्रय गृह, चाइल्ड शेल्टर होम भी अब जल्द हाईटेक हो जाएगा। खुले बाल आश्रय गृह में बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पिछले हफ्ते लखनऊ में आयोजित हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है। वहीं बाल आश्रय गृह में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की उपस्थिति का रिकार्ड रखने के लिए बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएगी। पिछले साल शहर के चाइल्ड शेल्टर होम से करीब आठ बच्चे फरार हो गए थे, जिसके बाद यह पहल शुरू की जा रही है। प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है।

ऑनलाइन होगा पूरा ब्योरा

खुले बाल आश्रय गृह के प्रभारी कुलदीप गुप्ता ने बताया कि शेल्टर होम की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। जिसमें शेल्टर होम में कितने बच्चे रह है और कितने बच्चे परिजनों को सौंपे गए हैं। इस बाबत पूरा रिकॉर्ड बनेगा। बच्चों संबंधी यह पूरा ब्योरा ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए है। इस कवायद के लिए शेल्टर होम प्रभारी के लिए एक पासवर्ड दिया जाएगा।

जिम्मेदार बने अनजान

जानकारों की माने तो शेल्टर होम में 11 से 18 तक के किशोर ही रह सकते हैं। 11 साल से कम उम्र तक के मासूमों के रहने के लिए बाल शिशु गृह बनाए गए हैं जिसमें ही वह रह सकते हैं, लेकिन इस समय शेल्टर होम में दो बच्चे ऐसे भी रह रहे हैं जिनकी उम्र पांच साल से छह साल तक ही है। इसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी है, लेकिन वह जानकर भी अंजान बने हुए हैं।

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चाइल्ड शेल्टर होम में जल्द सीसीटीवी लगाए जाएंगे। कम उम्र के बच्चों को शेल्टर होम में रखना गलत है। अगर शेल्टर होम में मासूम हैं, तो उन्हें बाल शिशु गृह भिजवाया जाएगा।

-नीता अहिरवार

डीपीओ