प्रापर्टी डीलर का नहीं लगा सुराग, पुलिस ने अपहरण में तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस का दावा आरोपियों ने कुबूल किया की चिंटू को गोली मारने के बाद मझौला में नहर में फेंका

BAREILLY: प्रापर्टी डीलर चिंटू उर्फ अतुल पांडे की गुमशुदगी के केस में पुलिस की लापरवाही भारी पड़ गई। वक्त पर पुलिस यदि एक्टिव हो गई होती तो शायद आरोपी अपहरण की बजाय हत्या के आरोप में सलाखों के पीछे होते। जबकि, आरोपी पुलिस के समक्ष खुद हत्या की बात को कुबूल कर चुके हैं, लेकिन डेडबॉडी न मिलने से पुलिस के हाथ खुद ढीले पड़ गए हैं। कहीं न कहीं इससे पुलिस की वर्किंग पर एक बार फिर सवालिया निशान लग रहे हैं।

24 अप्रैल से गायब था चिंटू

चिंटू, इज्जतनगर थाना की मेगा सिटी कालोनी में रहता था। पड़ोस के मोहल्ले संजय नगर निवासी संजय के साथ करीब 7 साल से वह प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था। दोनों काफी अच्छे दोस्त भी थे। इन दोनों के दोस्त संजय नगर निवासी विक्की और दुर्गा नगर निवासी रोहित ठाकुर भी थे। सभी साथ में ही घूमते भी थे। 21 अप्रैल की शाम को सभी दोस्त घर वापस आए गए, लेकिन चिंटू घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने उसकी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उन्होंने तीनों दोस्तों से पूछा, लेकिन उन्होंने घर के पास छोड़ने की बात कहकर टाल दिया। 24 अप्रैल को चिंटू के पिता अमरेंद्र कुमार पांडे ने इज्जतनगर थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई।

गुमशुदगी दर्ज कर बैठ गई पुलिस

गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस आराम से बैठ गई। चिंटू के परिजन कई बार थाना गए, लेकिन पुलिस का रवैया टरकाने वाला ही रहा। 6 मई को चिंटू का मोबाइल मुडि़या अहमद नगर में बड़ा बाइपास के किनारे मिला तो परिजनों ने मामले की शिकायत आईजी से की। आईजी के आदेश पर पुलिस ने संजय और विक्की के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली। अफसोस की बात है कि पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी सोती रही।

केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर

पुलिस ने नामजद आरोपियों को थाना बुलाकर पूछताछ की, लेकिन कुछ भी कुबूल नहीं करवा पाई। परिजनों ने आरोप लगाया कि केस के आईओ सुनील कुमार ने आरोपियों को रुपए लेकर छोड़ दिया। परिजन लगातार पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे, जिसके बाद केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया। क्राइम ब्रांच ने संडे को तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया।

रुपए विवाद व भतीजी पर बुरी नजर

संडे को एसपी सिटी राजीव मल्होत्रा ने प्रेस कांफ्रेंस की। जहां विक्की और रोहित को पेश किया गया। पुलिस ने बताया कि दोनों ने पूछताछ में कुबूल किया कि संजय पर चिंटू के करीब 8 लाख रुपए बकाया थे, जिसे मांगने को लेकर दोनों ने अक्सर झगड़ा होता था। इसके अलावा चिंटू की बुरी नजर संजय की भतीजी पर भी थी। इसी को लेकर संजय ने करीब 3 महीने चिंटू की हत्या की प्लानिंग कर ली और मौका पाकर चिंटू को ठिकाने लगा दिया।

गोली मारकर फेंक दिया नहर में

दोनों आरोपियों ने कुबूल किया कि 21 अप्रैल को सभी साथ में संजय की वैगनआर कार से पीलीभीत रोड पर गए। जहां उन्होंने शराब पी। उसके बाद सभी टनकपुर तक गए और वापसी में मझोला के पास साइफन पुल पर नहर के पास उतरे। विक्की ने बताया कि नीचे उतरने पर संजय ने चिंटू के सिर में पीछे से गोली मार दी। इस पर उन्होंने संजय से पूछा भी कि क्यों मारा, लेकिन फंसने के डर से सभी ने चिंटू को नहर में फेंक दिया। सैटरडे को क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर शिवराज सिंह नहर में ढूंढने पहुंचे लेकिन कुछ पता नहीं चला। पुलिस सोर्स की मानें तो चिंटू के मोबाइल को संजय के भाई ने फेंका था, जिससे पुलिस डायवर्ट हो जाए। जिस जगह मोबाइल फेंका गया वहां पर एक महिला मित्र रहती थी । यही नहीं सभी आरोपियों के मोबाइल पहले ही एक साथी ले आया था। ताकि, उनकी लोकेशन न मिल सके।

कांफ्रेंस में खुलासा करने वाले इंस्पेक्टर नहीं

पुलिस ने बताया कि विक्की और रोहित ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन संजय भागने में कामयाब हो गया। जबकि पुलिस ने संजय को भी गिरफ्तार कर लिया था। यही नहीं केस की जांच कर रहे इंस्पेक्टर शिवराज सिंह प्रेस कांफ्रेंस में न तो आए और न ही संजय को लेकर आए। कुछ देर बाद संजय को एसपी सिटी आफिस लाया गया। जहां उसने विक्की व रोहित पर हत्या करने का आराेप लगाया।

पुलिस बस करती रही लीपापोती

संडे को पुलिस ने विक्की व रोहित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। संजय को गिरफ्तार कर मंडे को जेल भेजा जाएगा। चिंटू केभाई कृष्ण स्वरूप व अन्य परिजनों ने पुलिस पर लीपापोती करने का आरोप लगाया। पुलिस ने संजय से सही से पूछताछ नहीं की। अलबत्ता, उसे एसी में रखा गया। वह कैसे मान लें कि उसका भाई जिंदा है या मुर्दा। वह मामले की शिकायत सीनियर अधिकारियों से करेंगे।

चिंटू के अपहरण के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने चिंटू को गोली मारकर नहर में फेंकने की बात कुबूल की है। डेडबॉडी न मिलने की वजह से इन्हेंअपहरण के आरोप में ही जेल भेजा जा रहा है।

राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली