लेखपाल परीक्षा के पैटर्न से खुश लेकिन समय की कमी से निराश रहे अभ्यर्थी

रुरल एरिया सेक्शन और हिन्दी के सवालों ने अभ्यर्थियों को ज्यादा उलझाया

>BAREILLY:

संडे को बरेली में हुई चकबंदी लेखपाल की परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को गांव से जुड़े सवालों ने खूब छकाया। संडे सुबह 11 से दोपहर 1 बजे और फिर दोपहर 3 से शाम 5 बजे दो पालियों में परीक्षा आयोजित कराई गई। परीक्षा में अभ्यर्थियों को गांव के परिवेश वाले अभ्यर्थी तो दिक्कत से परे दिखे, लेकिन शहरी एरियाज के अभ्यर्थियों के लिए जमीन की पैमाइश, हेक्टेयर-एकड़ में जमीन की नाप-जोख, ग्राम सभा सिस्टम और गांव से जुड़े अन्य सवाल हल करने में संघर्ष करना पड़ा।

पेपर के पैटर्न से खुश

परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों में पेपर के पैटर्न व पूछे गए सवालों के नेचर को लेकर सैटिस्फैक्शन दिखा। क्वेश्चन पेपर में अभ्यर्थियों के सामने मैथ्स, जनरल हिन्दी, जनरल नॉलेज और रूरल एरिया स्पेसिफिक सहित 4 अलग कटेगरी में कुल 160 सवालों की चुनौती थी। ज्यादातर अभ्यर्थियों ने पेपर को ओवर ऑल बैलेंस्ड माना। कुछ कटेगरी में सवालों को लेकर दिक्कत हुई, लेकिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा के मुताबिक इसे जरूरी बताया। थोड़ी बहुत दिक्कत अभ्यर्थियों को हिन्दी सेक्शन में हुई। लेखकों के नाम व उनके साहित्य से जुड़े सवालों ने भी अभ्यर्थियों को परेशान किया। हालांकि मैथ्स व जनरल नॉलेज कटेगरी से ज्यादातर अभ्यर्थी खुश दिखे।

कम समय बना दुश्मन

पेपर पैटर्न से खुश दिखे अभ्यर्थियों ने पेपर सॉल्व करने के लिए मिले समय को कम बताया और इस पर निराशा जताई। परीक्षा में अभ्यर्थियों से चार कटेगरी में ऑब्जेक्टिव्स बेस्ड कुल 160 सवाल पूछे गए थे। हर कटेगरी में कुल 40 सवाल थे। वहीं पेपर सॉल्व करने के लिए अभ्यर्थियों को महज 2 घंटे का ही समय मिला। 160 सवालों को हल करने के लिए मिले 120 मिनट अभ्यर्थियों को नाकाफी लगे। अभ्यर्थियों ने कहा कि हर सवाल को पढ़ने से लेकर हल करने व 4 ऑप्शन में से एक सही ऑप्शन पर टिक करने के लिए उन्हें 45 सेकेंड्स से भी कम समय मिला। अभ्यर्थियों ने पेपर सॉल्व करने के लिए कम से कम ढाई घंटे दिए जाने की जरूरत बताई।

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क्वेश्चन पेपर सही था। सभी कटेगरी से पूछे गए सवाल बैलेंस्ड व कॉम्पिटीशन के मुताबिक रहे, लेकिन रूरल एरिया से जुड़े सवालों में परेशानी हुई। जमीन से जुड़ी जानकारी न होना नुकसानदेह रहा।

- नीतिन सिंह

मैथ्स और जनरल नॉलेज से जुड़े सवाल सबसे अच्छे रहे। हिन्दी ठीक ठाक रही। लेखकों के नाम से जुड़े सवाल कठिन लगे। जबकि गांव सेक्शन सबसे कठिन लगा, इसलिए सवाल हल करने में ज्यादा परेशानी हुई।

- राहुल वाष्र्णेय

पेपर का पैटर्न बैलेंस्ड था, सरकारी नौकरी के मुताबिक इतना चैलेजिंग पेपर तो होना ही चाहिए, लेकिन इसके लिए समय बहुत कम दिया गया था। 160 सवालों को हल करने के लिए कम से कम ढाई घंटे मिलने चाहिए थे।

- विशाल

हिन्दी व जनरल नॉलेज से जुड़े सवालों से ज्यादा स्कोर होने की उम्मीद है। रीजनिंग व इंग्लिश न होने से पेपर सॉल्व करने में आसानी रही। लेकिन परीक्षा में आधा घंटा एक्स्ट्रा मिलना चाहिए था।

- जीतेन्द्र यादव