- चकबंदी विभाग के आला अधिकारी पहुंचे खडे़सरी ऐतमाली गांव

- बड़ी संख्या में किसानों को अभी तक नहीं दिया गया फार्म तैइस, किसानों में आक्रोश

DERVA: चकबंदी विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बड़हलगंज ब्लॉक के खडेसरी ऐतमाली गांव में जाकर किसानों की समस्याएं सुनी। इस गांव की चकबंदी प्रक्रिया 24 सालों से अटकी पड़ी है। चकबंदी विभाग पर मनमानी का अरोप लगाते हुए कुछ किसान कोर्ट चले गए थे। जिससे वर्षो से इस गांव की चकबंदी प्रक्रिया रुकी पड़ी थी। एसोसी अनिल कुमार राय, सीओ विश्वास कुमार, एसीओ राजेश कुमार, कानूनगो व लेखापाल ने एक-एक कर किसानों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आपत्तियों का निस्तारण हो जाने पर ही खुटा गडे़गा।

चक का निर्धारण मनमाना

बड़हलगंज विकास खंड के खडेसरी ऐतमाली गांव में 24 साल से चकबंदी प्रक्रिया चल रही है लेकिन यहां के किसानों की समस्याएं घटने के बजाए बढ़ती नजर आ रही है। बड़ी संख्या में लोगों को फार्म 23 न मिलने के कारण किसानों में आक्रोश था। तमाम किसानों की भूमि सड़क से हटाकर नदी के किनारे दे दी गयी। किसानों विभाग के तौर तरीके को भी समझ नहीं पा रहे हैं। गांव के किसानों का कहना है कि कम मालियत की भूमि को ज्यादे मालियत पर दे दिया गया है। चक का निर्धारण भी मनमाने ढंग से किया गया है।

सुविधा शुल्क लेने का आरोप

गोरख तिवारी, दिनेश यादव, पप्पू तिवारी, नगीना सिह, हंसू तिवारी, झिनक सिह, पारस यादव, देव शरन, कककू शर्मा, विपिन यादव, लीलावती देवी, शकुन्तला देवी, आदि किसानों का कहना है कि जो लोग सुविधा शुल्क दे रहे हैं। उनका ही चक निर्धारण किया जा रहा है। साथ ही मन माफिक कई चक दे कर उनको खुश कर दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में अभी तक लोगों को यह नहीं मालूम हो सका है कि हमारा नम्बर कहा है।

बार-बार झेलना पड़ रहा विरोध

चकबंदी विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली की वजह से विभाग के अधिकारियों को कई बार विरोध झोलना पड़ा है। कई किसानों ने कोर्ट का भी सहारा लिया है। वहीं वर्षो से इस गांव की चकबंदी प्रक्रिया लटका होना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।