हिमांशु अग्निहोत्री(बरेली)। एक तरफ जहां सरकार सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट को अपने कार्यो का गुणगान करने तक ही सीमित कर लिया है। साथ ही नगर आयुक्त के आधिकारिक ट्वीटर हैैंडल से ट्वीट किए एक माह से अधिक का समय हो गया है। इसलिए उनके ट्वीटर अकाउंट पर एक माह पुराना ट्वीट ही दिखाई दे रहा है।

अन्य विभाग ट्वीटर पर सुन रहे समस्या
एक तरफ जहां अधिकांश विभाग ट्वीटर के माध्यम से पब्लिक की समस्या को सुन रहे हैैं। वहीं दूसरी ओर नगर निगम ट्वीटर पर पब्लिक की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसलिए निगम को अगर कोई समस्या लिखकर टैग करता है तो उसके निगम द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है। नगर निगम की सुस्त कार्यशैली के कारण अधिकांश लोग परेशान हैैं। निगम में समस्या का समाधान नहीं होने पर कई लोग शिकायत मुख्यमंत्री को टैग कर रहे हैं। लेकिन निगम का एक्टिव सोशल मीडिया अकाउंट सिर्फ अपने प्रचार-प्रसार करने में लगा हुआ है। लेकिन, पब्लिक की समस्या को सोशल मीडिया के माध्यम से गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

नहीं दिया कोई जवाब
नगर निगम की आधिकारिक ट्वीटर हैैंडल से मात्र कार्यो को ही दिखाया जा रहा है। यहां से किसी समस्या को संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है। इस तरह से निगम का सोशल मीडिया हैैंडल वन वे बनकर रह गया है।

नहीं एक्टिव
नगर निगम के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट किसी की समस्या का रिप्लाई नहीं करता है। वहीं दूसरी ओर नगर आयुक्त के आधिकारिक अकाउंट पर लास्ट ट्वीट 19 जून का शो हो रहा है। अगर नगर निगम के अधिकारियों ही डिजिटल इंडिया को गंभीरता से नहीं लेेंगे तो किस विभागीय लोग किस तरह से कार्य करेंगें, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

पब्लिक ट्वीट

केस 01
अंशु माली रस्तोगी नाम के ट्वीटर अकाउंट ने सवाल पूछते हुए नगर निगम, मेयर व नगर आयुक्त को टैग करते हुए लिखा है कि बंदरों के आतंक से बरेलियंस को मुक्ति कब तक मिल पाएगी। बंदरों को पकडऩे के लिए नगर निगम गंभीर है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। इसको लेकर भी नगर निगम की ओर से कोई उत्तर नहीं दिया गया है।

केस 02
जय प्रकाश राजपूत नाम के ट्वीटर अकाउंट से डेयरी से निकलने वाले वेस्ट को लेकर सवाल पूछा गया है। लेकिन, छह दिनों के बाद भी निगम के ऑफिशियल अकाउंट से कोई रिप्लाई नहीं आया है।

केस-03
विनय विनायक नाम का ट्वीटर अकाउंट लिखता है कि रोड निर्माण को लेकर उन्होंने कई बार निगम में शिकायत की है। लेकिन, उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रहा है।