-14 मार्च को होगा पहला एग्जाम

- एक हजार से अधिक टीचर करा रहे हैं बोर्ड एग्जाम

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BAREILLY

आधे-अधूरे कोर्स के बीच परिषदीय स्कूल्स में एनुअल एग्जाम की घंटी बज गई है। 14 मार्च से 21 मार्च तक एग्जाम्स होने हैं, लेकिन सवाल बड़ा है कि जब किताबें पढ़ाई ही नहीं गई हैं, तो स्टूडेंट्स लिखेंगे क्या। यह अलग बात है कि सवालों के जवाब गलत देने पर भी बच्चे फेल नहीं होंगे। अधकचरे ज्ञान को लेकर अगली कक्षाओं में जाने वाले इन बच्चों का भविष्य क्या होगा।

बोर्ड के तर्ज पर हाेंगे एग्जाम

सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर परिषदीय स्कूल्स का भी शिक्षा सत्र लास्ट ईयर अप्रैल से शुरू किया गया था। मकसद था कि शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके, लेकिन व्यवस्थागत खामियां शिक्षा पर भारी पड़े रहीं हैं। प्राइमरी स्कूल के टीचर्स की ड्यूटी पहले वोटर कार्ड बनाने में लगाई गई। फिर, उनसे निर्वाचन कार्य कराए गए। अब वह बोर्ड एग्जाम्स में इंविजिलेटर की भूमिका अदा कर रहे हैं। लिहाजा, परिषदीय स्कूल्स में शिक्षण कार्य कमोबेश ठप पड़ा हुआ है। यही वजह है कि सिलेबस का 60 परसेंट भी बच्चे नहीं पढ़ पाए हैं।

यूपी बोर्ड की तर्ज पर एग्जाम

परीक्षा की सुचिता बनी रही, इसलिए यूपी बोर्ड की तर्ज पर एग्जाम कराने के निर्देश दिए। परीक्षा की गोपनीयता बनी रहे। इसलिए शासन ने पेपर छपवाकर बेसिक शिक्षा विभाग को भेज दिया है। ब्लॉक लेवल पर पेपर बटवाए जा रहे हैं। वहीं स्टूडेंट्स को आंसर देने के लिए कॉपी इस बार स्कूल से मिलेगा। इसके लिए शासन ने 15 रुपए प्रति स्टूडेंट्स के हिसाब से भेजेंगे।

16 की परीक्षा पर संकट

यूपी बोर्ड की परीक्षा और परिषदीय स्कूल्स की 16 की परीक्षा पर सकंट के बादल मंडरा रहे हैं। क्योंकि बेसिक स्कूल्स के शिक्षक पेंशन बहाली, मृतक कोटे से भर्ती, मेडिकल सुविधा आदि समेत 22 मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि हाईस्कूल, इंटर और परिषदीय स्कूल्स के एग्जाम कैसे होगा। क्योंकि 1400 टीचर्स यूपी बोर्ड में इंविजिलेटर की ड्यूटी कर रहे हैं।

विषय-कोर्स पूरा होने का प्रतिशत

अंगे्रजी-40

हिस्ट्री-65

भूगोल-57

गणित-51

आकड़े

जिला-स्कूल्स-बच्चे

बदायूं-2580-3.513

बरेली-3036-3.851

पीलीभीत-1853-2.150

शाहजहांपुर-3301-3.982

नोट-स्टूडेंट्स की संख्या लाखों में है।

वर्जन

एग्जाम शुरू होने वाले हैं, लेकिन अभी तक चार पाठ नहीं पढ़ाए गए हैं। समझ में नहीं आ रहा है कि इतने कम कोर्स से कैसे पेपर देंगे।

सुरेश कुमार, स्टूडेंट

जितने टाइम सर और मैडम स्कूल में रहे उन्होंने पढ़ाया। इसके बावजूद कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

अनारकली, स्टूडेंट

शिक्षक अधिकांश समय मतगणना, जनगणना जैसे बेगार के कामों में फंसा रहा। इस कारण कोर्स पूरा नहीं हो पाया। जब तक शिक्षक के मूल कार्य के जगह अन्य काम कराए जाएंगे, तब तक कोर्स पूरा नहीं हो पाएगा।

हरीश बाबू, प्रांतीय संगठन मंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ