बरेली (ब्यूरो)। जिले में फीवर और डेंगू केसेस लगातार बढ़ रहे हैं। फीवर अटैक से अभी तक कई लोगों की डेथ हो चुकी है। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़ों में यह डेथ्स भले ही कम-ज्यादा हों, पर फीवर से पूरे जिले में हाहाकार सा मचा है। 17 अक्टूबर को ही जिले में 32 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। लगातार बढ़ रहे डेंगू केसेस से हेल्थ विभाग भी अलर्ट मोड में है। जहां पर अधिक केसेस सामने आ रहे हैं, वहां पर कैंप भी लगाए जा रहे हैं। डेंगू के केसेस बढऩे से ब्लड बैंक्स में प्लाज्मा के लिए भी मारामारी होने लगी है।

डेंगू बुखार के कारण
डेंगू बुखार चार डेंगू के चार वायरस में से किसी एक के कारण होता है। ये वायरस उन वायरेसेस से संबंधित हैं जो वेस्ट नाइल संक्रमण और पीत ज्वर का कारण बनते हैं। संक्रमित व्यक्ति के आसपास रहने से किसी को भी डेंगू बुखार नहीं हो सकता। डेंगू बुखार मच्छर के काटने से ही फैलता है। जब संक्रमित मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उस व्यक्ति के ब्लड में प्रवेश कर जाता है और संक्रमण का कारण बनता है।

डेंगू बुखार के लक्षण
अचानक तेज बुखार (105 डिग्री)
गंभीर सिरदर्द
आंखों के पीछे दर्द
गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
थकान
जी मिचलाना
उल्टी आना
दस्त होना
त्वचा पर लाल चकत्ते, जो बुखार आने के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं
हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना आदि)

कम इम्यूनिटी वालों को खतरा
डेंगू का खतरा सबसे अधिक खतरा उनको रहता है जिनकी इम्यूनिटी वीक होती है। इसके अलावा जिन लोगों को दूसरी बार या बार-बार डेंगू संक्रम हो जाता है, उनमें डेंगू रक्तस्रावी होने का अधिक खतरा रहता है। गंभीर डेंगू बुखार तब होता है जब पेशेंट की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और उनमें रिसाव होने लगता है। ऐसे में रक्तप्रवाह में थक्का बनाने वाली कोशिकाओं (प्लेटलेट्स) की संख्या कम हो जाती है। इससे आघात, आंतरिक रक्तस्राव, अंग विफलता और यहां तक कि डेथ भी हो सकती है।

घर में ही पलता है डेंगू मच्छर
डेंगू मच्छर घर में ही पलता और फलता फूलता है। दोपहर और रात को यह मच्छर घर के कोने, पर्दे के पीछे या नमी वाली जगह पर छिप जाता है। यह मच्छर ज्यादा ऊंची उड़ान नहीं भर सकता। इस कारण केवल पैरों से लेकर घुटनों तक (लोअर लिंब्स) पर ही काटता है। एक मादा मच्छर एक बार में 100 से लेकर 300 तक अंडे देती है।

मादा फैलाता है डेंगू
डेंगू मादा मच्छर (एडीस एजिप्टी) के काटने से फैलता है। मच्छर तब संक्रमित हो जाता है जब वह वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खून लेता है। लगभग एक सप्ताह के बाद, मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटते हुए वायरस फैला सकता है।

रोशनी में काटता है डेंगू मच्छर
यह मच्छर अक्सर तेज रोशनी में काटता है। रात के वक्त तेज रोशनी में भी यह मच्छर काट सकता है। इसलिए दिन हो या रात, तेज रोशनी में मच्छर के काटने से सावधान रहना चाहिए।

साफ पानी में होते हैं डेंगू मच्छर
डेंगू मच्छर नाले या नालियों में नहीं पनपता है, बल्कि इसको साफ पानी ही रास आता है। यही वजह है कि डेंगू मच्छर अंडे देने के लिए पानी से भरे कंटेनरों की तलाश में रहता है। इसके लिए यह मच्छर 400 मीटर तक उड़ान भर लेता है। इसलिए घरों में और आस-पास जलभराव या नमी वाली जगहों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन जगहों पर पेस्टिसाइड का छिडक़ाव करना चाहिए।

तो कम होते हैं प्लेटलेटस
प्लेटलेट्स डेंगू में ही नहीं, वायरल इंफेक्शन, मलेरिया और मलेरिया की दवा खाने से भी गिरते हैं। इसके अलावा सैप्सिस नामक बीमारी में भी प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं। प्लेटलेट्स कम होने के कारण ल्यूकेमिया, विटामिन बी 12 या आयरन की कमी हो जाती है। शराब का ज्यादा सेवन करने से भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं।

यह भी जाने
मानसून के मौसम में डेंगू मच्छरों की आबादी बढ़ जाती है और केसेस की संख्या बढ़ जाती है।
एडीज एजिप्टी मच्छर, या डेंगू मच्छर, गहरे रंग का होता है और उसके पैरों पर विशिष्ट सफेद निशान होते हैं। यह मच्छर 4 से 7 मिलीमीटर लंबा होता है।
गहरे रंग के कपड़े जैसे नेवी ब्लू या काले रंग के कपड़े पहनने वालों को यह मच्छर निशाना बनाते हैं

गंभीर डेंगू बुखार के संकेत

गंभीर पेट दर्द होना
लगातार उल्टी होना
मसूड़ों या नाक से खून आना
मूत्र, मल या उल्टी में रक्त आना
त्वचा के नीचे रक्तस्राव, जो खरोंच जैसा लग सकता है
सांस लेने में कठिनाई होना (मुश्किल या तेजी-तेजी सांस लेना)
थकान आना
चिड़चिड़ापन या बेचैनी होना

डेंगू से कैसे बचे
मच्छरदानी का उपयोग करें
घर में या आसपास पानी जमा न होने दें
कूलर का पानी रोज बदलें
पूरे बाजू के कपड़े पहनें
मच्छर से बचने वाले रिप्लेंट या कॉयल का प्रयोग करें
पेड़ पौधों के पास जाएं या घर के बाहर निकलें तो शरीर को ढक कर जूते मोजे पहन कर निकलें
पानी की टंकी को ढक कर रखें
डेंगू में मृत्यु दर 2-5 प्रतिशत तक होती है, लेकिन, इलाज नहीं मिलने पर मृत्यु दर 20 प्रतिशत तक हो जाती है।


घरेलू उपाय भी अपनाते हैं लोग
खूब नारियल पानी पीना
तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें और फिर छानकर पीना
मेथी की पत्तियों की चाय बनाकर पीना
बकरी का दूध पीना
पपीते की पत्तियों को पीसकर या फिर पानी में उबालकर पीना
3-4 चम्मच चुकंदर का जूस एक गिलास गाजर के जूस में मिलाकर पीना

सॉफ्ट ड्रिंक से बनाएं दूरी
डेंगू के मरीजों को चाय, कॉफी, सोडा या सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसी चीजों से दूरी बनानी चाहिए। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। डेंगू बुखार में यह नुकसानदायक हो सकता है।

प्लाज्मा के लिए मारामारी
जिले में बढ़ रहे डेंगू के केसेस के कारण प्लाज्मा के लिए भी मारामारी हो रही है। यहां तक कि ब्लड बैंक से प्लाज्मा दिलाने के लिए लोग जनप्रतिनिधियों से भी कॉल करा रहे हैं। इसके लिए पेशेंट्स के तीमारदार ब्लड बैंक में दिन भर चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी प्लाज्मा नहीं मिलने से कई लोग मायूस लौटते हैं।

स्पेशलिस्ट की बात
भारत सरकार की गाइड लाइन में कीवी, पपीता और बकरी का दूध पीने से प्लेटलेट्स बढ़ाने जैसी किसी बात का जिक्र नहीं है। फीवर अगर किसी को आता है तो उसे डॉक्टर की सलाह के बगैर दर्द निवारक दवाएं न दें। किसी को डेंगू हो भी जाता है तो ऐसे में प्लेटलेट्स डाउन होना सामान्य प्रक्रिया है। पेशेंट या उनके परिजनों को इससे घबराना नहीं चाहिए। इतना ध्यान रखें कि पेशेंट की बॉडी में पानी की कमी न होने पाए।
डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, सीनियर फिजिशियन, जिला अस्पताल

फैक्ट फाइल डेंगू एलाइजा पॉजिटिव्स
डेट केस
17 अक्टूबर : 32
16 अक्टूबर : 26
15 अक्टूबर: 33

अर्बन डेंगू केसस : 214
रूरल डेंगू केसस: 222
अर्बन वार्ड एफेक्टेड: 17
रूरल ब्लाक एफेक्टेड: 16
विलेज एफेक्टेड :140