बरेली (ब्यूरो)। जिले में मच्छरों से होने वाली बीमारियों का वार तेज होता जा रहा है। मच्छरों को अनुकूल मौसम मिलने से मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। शहरी इलाकों में डेंगू तेजी से फैल रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया पांव पसार रहा है। इसके बाद भी सिटी में नगर निगम की ओर से सीमित एरिया में ही फॉगिंग की जा रही है। वह भी स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाले डेटा पर निर्भर है, जबकि पार्षद लंबे समय से अपने वार्ड में फॉगिंग का इंतजार कर रहे हैैं।

मलेरिया के 22 केसेस आए सामने
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि अब तक सामने आए केसेस के अनुसार जिला में मलेरिया पीडि़त ग्रामीण क्षेत्र में अधिक हैैं। वहीं डेंंगू का प्रभाव सिटी में अधिक है। ट्यूजडे को 22 लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई है, एक व्यक्ति डेंगू पॉजिटिव मिला है। डीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार फील्ड में जा रही है। लोगों को अवेयर भी किया जा रहा है। जिले में मलेरिया के केसेस की संख्या 1642 हो गई है और डेंगू पीडि़तों की संख्या 39 हो गई है।

स्वास्थ्य से मिलता है इनपुट
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। संचित शर्मा का कहना है कि निगम की ओर से रोस्टर के अकॉर्डिंग फॉगिंग की जा रही है, लेकिन उससे अधिक फोकस उस एरिया पर है, जहां संक्रमित सामने आ चुके हें या फिर जो एरिया सेंसिटिव हैै, स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिटेल भेजी जाती है। उसी के मुताबिक सेंसिटिव एरिया में एंटी लार्वा, फॉगिंग की जा रही है। साथ ही लोगों को अवेयर भी किया जा रहा है।

देहात में हावी मलेरिया
डीएमओ ने बताया कि पीडि़तों के पुराने रिकॉर्ड को देखा जाए तो सामने आया है कि सिटी में मढ़ीनाथ, सुभाष नगर, पुराना शहर, इज्जतनगर, सीबीगंज, खलीलपुर, बाकरगंज, हजियापुर आदि एरियाज को मच्छरों का गढ़ कहा जा सकता है। जिले की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रामनगर तहसील, आंवला, भमोरा, मझगवां, शेरगढ़, मीरगंज, कुआटांडा में विगत वर्षों में अधिक केसेस मिल हैं। हालांकि साल दर साल इनका क्षेत्र बदल भी रहा है। इस समय मझगवां, फतेहगंज, मीरगंज, शेरगढ़ में मलेरिया के अधिक केसेस आ रहे हैैं।

न बरतें लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैैं कि डेंगू और मलेरिया को खतरनाक माना जाता है। दोनों बीमारियों में लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी चाहिए। ये जानलेवा तक साबित हो सकती है। बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है। ऐसे में इनसे होने वाली बीमरियों के मरीजों की संख्या भी तेजी बढ़ती है। डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है। डेंगू बुखार की अवधि लगभग पांच से सात दिन तक रहती है।

मलेरिया के लक्षण
-बुखार आना
- सिर दर्द होना
-उल्टी होना
-ठंड लगना
- चक्कर आना
-थकान होना
-पेट दर्द
-तेज से सांस लेना

डेंगू के लक्षण
-ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढऩा
-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले भाग में दर्द होना
-अत्याधिक कमजोरी लगना, भूख न लगना, गले में दर्द होना
-शरीर पर लाल चकते आना

सावधानियां
- मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें। इसके लिए अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें।
- घर के पास की नालियों की सफाई और सडक़ों के गड्ढे आदि भरवा लें।
- घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव करवाते रहें।
- बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- घर में मच्छरों से बचने के लिए नीम की पत्तियों का धुआं करें।
- मच्छरदानी लगाकर सोएं।


नगर निगम क्षेत्र में फॉगिंग और एंटी लार्वा छिडक़ाव के लिए रोस्टर बनाया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग से डिटेल मिलने पर डेंगू सेंसिटिव एरिया में फॉगिंग की जा रही है। साथ ही लोगों को अवेयर भी किया जा रहा है।
डॉ। संचित शर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

स्वालेनगर वार्ड में मच्छरों की बड़ी समस्या है। इनसे बीमारियां फैलने की आशंका है। फॉगिंग नहीं कराई जा रही है और न ही एंटी लार्वा का छिडक़ाव कराया गया है। जबकि निगम को रोस्टर के मुताबिक फॉगिंग करानी चाहिए।
अलीम खां सुल्तानी, पार्षद, स्वालेनगर

क्षेत्र में एक माह से अधिक समय हो गया है। फॉगिंग नहीं कराई गई है, मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। ताकि पब्लिक को समस्या का सामना न करना पड़ा।
मैहसर खान, पार्षद, फरीदापुर चौधरी

नगर निगम की ओर से वार्ड में किसी तरह का छिडक़ाव नहीं कराया गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मच्छरों से बीमारियां फैल सकती हैं। जल्द फॉगिंग कराई जाए।
सीता पटेल, पार्षद, ब्रह्मïपुरा