बरेली में वर्ष 2015 में नवंबर तक रेप के 115 मामले आए सामने

वहीं छेड़खानी और शीलभंग का आंकड़ा पहुंचा 500 के करीब

<बरेली में वर्ष ख्0क्भ् में नवंबर तक रेप के क्क्भ् मामले आए सामने

वहीं छेड़खानी और शीलभंग का आंकड़ा पहुंचा भ्00 के करीब

BAREILLY: BAREILLY: निर्भया रेप कांड के बाद कानून में बदलाव किया गया। नाबालिग से सेक्सुअल असॉल्ट के लिए पाक्सो एक्ट और महिलाओं के लिए क्रिमिनल अमेंडमेंट लॉ बनाया गया। दोनों कानून काफी सख्त हैं और कड़ी सजा का भी प्रावधान भी है लेकिन इसके बावजूद भी रेप व छेड़खानी की वारदातों में कोई कमी देखने को नहीं मिली। नाबालिग और बालिग से रेप और छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बरेली जिले की ही बात करें तो वर्ष 2015 में ग्यारह महीने में ही रेप के 115 और छेड़छाड़ व शीलभंग के करीब 500 मुकदमे दर्ज किए गए। हालांकि इनमें कुछ मामले कानून का मिस यूज कर झूठे भी दर्ज कराए गए लेकिन आंकड़ें काफी चौंकाने वाले हैं।

सबसे ज्यादा छात्राएं हुई शिकार

छेड़छाड़ व रेप की वारदातें ज्यादातर छात्राओं के साथ होती हैं। इनमें कई छात्राओं को स्कूल जाते वक्त परेशान किया जाता है। कुछ छात्राएं अपने साथ हुई वारदात की पुलिस से शिकायत कर देती हैं लेकिन कई खामोश ही बैठ जाती हैं। यही नहीं देखने में आया कि नाबालिग बच्चियों को युवकों व अधेड़ों ने भी हबस का शिकार बनाया है। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें कुछ मामले ऐसे भी हैं। जिनमें नाबालिग लड़की को प्रेमी भगाकर ले गए और बरामदगी के बाद मेडिकल में लड़की के साथ रेप की पुष्टि हुई। कुछ दिनों पहले सिविल लाइंस एरिया में स्कूल से जा रही नौवीं की छात्रा के साथ कुछ मनचलों ने छेड़छाड़ की थी।

मार्केट, मोहल्ले नहीं रहे सेफ

ग‌र्ल्स मार्केट के साथ-साथ मोहल्ले व घर तक में भी सेफ नहीं हैं। मार्केट में ग‌र्ल्स व महिलाओं पर फब्तियां कसना आम बात है। कुछ दिनों पहले किला में एक छात्रा के साथ उसके भाई ने ही छेड़छाड़ और रेप किया था। छात्रा ने प्रिंसिपल व एनजीओ की मदद से भाई पर कार्रवाई की थी। इसी तरह से कैंट में भी एक छात्रा के साथ पड़ोसी ने घर में घुसकर छेड़छाड़ की थी। प्रेमनगर में एक नाबालिग बच्ची को टीचर ने हबस का शिकार बनाया था। इसी तरह से बारादरी के हजियापुर में भी मामला सामने आया था।

ये हैं आंकड़े

रेप- 115

छेड़खानी-53

शीलभंग-430

<निर्भया रेप कांड के बाद कानून में बदलाव किया गया। नाबालिग से सेक्सुअल असॉल्ट के लिए पाक्सो एक्ट और महिलाओं के लिए क्रिमिनल अमेंडमेंट लॉ बनाया गया। दोनों कानून काफी सख्त हैं और कड़ी सजा का भी प्रावधान भी है लेकिन इसके बावजूद भी रेप व छेड़खानी की वारदातों में कोई कमी देखने को नहीं मिली। नाबालिग और बालिग से रेप और छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बरेली जिले की ही बात करें तो वर्ष ख्0क्भ् में ग्यारह महीने में ही रेप के क्क्भ् और छेड़छाड़ व शीलभंग के करीब भ्00 मुकदमे दर्ज किए गए। हालांकि इनमें कुछ मामले कानून का मिस यूज कर झूठे भी दर्ज कराए गए लेकिन आंकड़ें काफी चौंकाने वाले हैं।

सबसे ज्यादा छात्राएं हुई शिकार

छेड़छाड़ व रेप की वारदातें ज्यादातर छात्राओं के साथ होती हैं। इनमें कई छात्राओं को स्कूल जाते वक्त परेशान किया जाता है। कुछ छात्राएं अपने साथ हुई वारदात की पुलिस से शिकायत कर देती हैं लेकिन कई खामोश ही बैठ जाती हैं। यही नहीं देखने में आया कि नाबालिग बच्चियों को युवकों व अधेड़ों ने भी हबस का शिकार बनाया है। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें कुछ मामले ऐसे भी हैं। जिनमें नाबालिग लड़की को प्रेमी भगाकर ले गए और बरामदगी के बाद मेडिकल में लड़की के साथ रेप की पुष्टि हुई। कुछ दिनों पहले सिविल लाइंस एरिया में स्कूल से जा रही नौवीं की छात्रा के साथ कुछ मनचलों ने छेड़छाड़ की थी।

मार्केट, मोहल्ले नहीं रहे सेफ

ग‌र्ल्स मार्केट के साथ-साथ मोहल्ले व घर तक में भी सेफ नहीं हैं। मार्केट में ग‌र्ल्स व महिलाओं पर फब्तियां कसना आम बात है। कुछ दिनों पहले किला में एक छात्रा के साथ उसके भाई ने ही छेड़छाड़ और रेप किया था। छात्रा ने प्रिंसिपल व एनजीओ की मदद से भाई पर कार्रवाई की थी। इसी तरह से कैंट में भी एक छात्रा के साथ पड़ोसी ने घर में घुसकर छेड़छाड़ की थी। प्रेमनगर में एक नाबालिग बच्ची को टीचर ने हबस का शिकार बनाया था। इसी तरह से बारादरी के हजियापुर में भी मामला सामने आया था।

ये हैं आंकड़े

रेप- क्क्भ्

छेड़खानी-भ्फ्

शीलभंग-ब्फ्0

((आंकड़े नवंबर 2015 तक <आंकड़े नवंबर ख्0क्भ् तक )

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