-राज्य मंत्री भगवत सरन गंगवार डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एमडीआर वार्ड का करेंगे इनॉग्रेशन

-एमडीआर टीबी वार्ड में होंगे 18 बेड, एमडीआर के इलाज को लखनऊ जाने की दुविधा खत्म

BAREILLY: एमडीआर टीबी का इलाज मंडे से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में शुरू हो जाएगा। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सर्जिकल वार्ड के बगल में बने आइसोलेशन वार्ड को ही रेनोवेट कर एमडीआर टीबी वार्ड का रूप दिया गया है। एमडीआर वार्ड बनने से इस जानलेवा बीमारी से जूझ रहे मरीजों को बरेली में ही इसका बेहतर और मुफ्त इलाज मुहैया होगा। मंडे सुबह 9.30 बजे राज्य मंत्री भगवत सरन गंगवार एमडीआर टीबी वार्ड का इनॉग्रेशन करेंगे। इस दौरान जेडी हेल्थ डॉ। सुबोध कुमार शर्मा, सीएमओ डॉ। विजय यादव और सीएमएस डॉ। डीपी शर्मा भी रहेंगे।

वार्ड में 18 बेड की सुविधा

पूरी तरह से आइसोलेटेड एमडीआर-टीबी वार्ड में कुल 18 बेड की सुविधा है। इसके अलावा टीबी मरीजों में एमडीआर पुष्टि की जांच के लिए वार्ड में 80 लाख की लागत वाली सीबी नॉड मशीन से जांच की सुविधा भी है। इसके बाद एमडीआर मरीजों को करीब 18 लाख की लागत से तैयार हुए एमडीआर वार्ड में करीब एक हफ्ते तक इलाज दिया जाएगा।

लखनऊ जाने की दुविधा खत्म

बरेली में हर महीने करीब 40-50 मरीज एमडीआर टीबी के डायग्नोज होते हैं। मंडलीय हॉस्पिटल होने के चलते रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, आंवला व बदायूं के मरीज भी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचते थे। लेकिन बरेली में इस जानलेवा इलाज का न होने के चलते ऐसे मरीजों को लखनऊ जाना पड़ता था। हॉस्पिटल में एमडीआर वार्ड के शुरू होने पर बरेली मंडल के सभी टीबी व एमडीआर मरीजों को लखनऊ जाने की मुसीबत नहीं झेलनी पड़ेगी।

क्या है एमडीआर टीबी

मल्टी ड्रग रजिजस्टेंस या एमडीआर टीबी की बीमारी का ही एक बिगड़ा रूप है। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें टीबी के इलाज के लिए दी जाने वाली दवाएं मरीज के इलाज में काम नहीं आती। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए अमूमन यह समय तीन महीने से 9 महीने तक होता है। लेकिन कई बार इलाज के कुछ हफ्तों या महीनों बाद ही अच्छा महसूस करने पर मरीज दवाएं लेना बंद कर देते हैं। इससे बीमारी के लिए दी जा रही एंटी बायोटिक का असर खत्म हो जाता है। साथ बीमारी पर इन दवाओं का असर भी खत्म हो जाता है।

एमडीआर टीबी वार्ड 10 अगस्त से शुरू हो रहा है। राज्य मंत्री भगवत शरण गंगवार वार्ड का इनॉग्रेशन करेंगे। बरेली में एमडीआर का इलाज शुरू होने से मरीजों को लखनऊ नहीं जाना होगा। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस